धर्म डेस्क। हिन्दू धर्म में मलमास, अधिकमास या पुरुषोत्तम मास का बड़ा महत्व बताया गया है। इस मास के अधिपति देव भगवान श्रीहरि विष्णु हैं। इस वजह से मलमास में भगवान विष्णु के विभिन्न स्वरुपों की पूजा करने का विधान है। इसके अतिरिक्त भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना भी उत्तम माना जाता है।
मलमास के समय में व्यक्ति को श्रीमद्भभागवत कथा भी सुननी चाहिए। इससे उसे कई गुणा पुण्य फल प्राप्त होता है। मलमास के समय में भगवान विष्णु के मंदिरों में उनका दर्शन करना भी अच्छा होता है। हालांकि कोरोना महामारी के समय में ऐसा संभव नहीं है। ऐसे में आपको अपने घर पर नित्य स्नान आदि से निवृत होकर भगवान विष्णु के कुछ प्रभावी मंत्रों का जाप करना चाहिए।
भगवान विष्णु के प्रभावशाली मंत्र
- गोवर्धनधरं वन्दे गोपालं गोपरूपिणम्।
गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्।।
विशेषकर पुरुषोत्तम मास में इस मंत्र का जाप किया जाता है। जिससे कि व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- ओम नमो भगवते वासुदेवाय।
यह भगवान विष्णु का प्रभावी द्वादशाक्षरी मंत्र है। यह वैष्णव संप्रदाय में अत्यधिक महत्वपूर्ण मंत्र माना जाता है। पुरुषोत्तम मास में नित्य स्नान के बाद भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करें। उसके बाद भगवान विष्णु के द्वादशाक्षरी मंत्र का जाप करें। ध्यान रहे कि मंत्र जाप के समय मंत्र का सही उच्चारण किया जाए।
- ऊं नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
यह भगवान विष्णु का गायत्री महामंत्र है। पूजा के बाद उस मंत्र का जाप भी कल्याणकारी होता है।
- शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मीकान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकैकनाथम।।
श्री हरि पूजा के समय इस मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं।