रंजीत सागर डैम में क्रैश हुए हेलीकॉप्टर के पायलट्स में से एक लेफ्टिनेंट कर्नल अभीत सिंह बाठ का शव सेना ने ढ़ूंढ लिया है। लेफ्टिनेंट कर्नल अभीत सिंह बाठ अमृतसर के रहने वाले हैं। अपने पीछे वह पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं।
हालांकि को-पायलट कैप्टन जयंत जोशी का अभी तक कुछ पता नहीं चला है। कर्नल बाठ के शव को एयरफोर्स के पठानकोट की मामून छावनी भिजवा दिया गया है। जबकि को-पायलट की तलाश अभी भी जारी है। सेना ने हादसे के करीब एक सप्ताह बाद पूरा सर्च ऑपरेशन अपने हाथ में ले लिया था और डैम साइट को चारों तरफ से सील कर दिया था।
पठानकोट की मामून छावनी से 3 अगस्त को उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टर के रंजीत सागर डैम लेक में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इसके पायलट और को-पायलट लापता हो गए थे। जिसके बाद गोताखोरों के झील का चप्पा-चप्पा छान मारा था। थल सेना और नौसेना की संयुक्त टीमें पायलटों और मलबे वाले इलाके की तलाश में लगी हुई थीं।
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गौरतलब है कि 3 अगस्त को हेलिकॉप्टर अभ्यास उड़ान भरने के 20 मिनट बाद जम्मू के कठुआ के पास पलाही गांव में क्रैश हो गया था। जिस झील में हेलीकॉप्टर गिरा वह 85 स्क्वेयर किमी एरिया में फैली हुई है। झील का 60 फीसदी हिस्सा जम्मू-कश्मीर में और 40 फीसदी हिस्सा पंजाब में पड़ता है। झील की गहराई करीब 200 फीट है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 4 दिन पहले दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के मलबे का पता लगाने के लिए झील की 80 मीटर गहराई में ऑटोमेटिड इक्विपमेंट लगाया गया था। जो हेलिकॉप्टर के मलबे को तलाश करने में मदद कर सकता था लेकिन सेना और नौ सेना का यह प्रयास सफल नहीं रहा। इसके बाद सेना ने सबमैरिन को डैम में उतारा जिसके बाद बीते रविवार शाम लेफ्टिनेंट कर्नल अभीत सिंह बाठ का शव बरामद कर लिया गया। को-पायलट की तलाश अभी भी जारी है।