लखनऊ में 11वीं क्लास की दलित छात्रा के साथ एक हफ्ते तक बंधक बनाकर गैंग रेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह भी पता चला है कि पुलिस एक महीने तक केस दर्ज करने से टालती रही। पीड़िता जब शिकायत करने थाने पर पहुंचती मामला टाल दिया जाता। यह सिलसिला एक महीने तक चला। जब हाथरस मामले में बवाल बढ़ा तो पुलिस ने दबाव में आकर एफआईआर दर्ज की।
हाथरस मामले की गंभीरता देखते हुए उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद दुष्कर्म का मुकदमा लिख कर दो आरोपियों को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया है।
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सूत्रों के मुताबिक थाना गुडंबा क्षेत्र में रहने वाली 11वीं की दलित छात्रा का आरोप है कि बीते 23 अगस्त को विपिन नामक युवक ने नौकरी लगवाने के नाम पर कागजात के साथ अपने घर बुलाया था। पीड़िता जब विपिन के घर पहुंची उसके अलावा शकील और तीन चार युवक पहले से घर में मौजूद थे। पीड़िता का आरोप है कि वहां पर उसके साथ बारी-बारी से सब ने रेप किया। 1 हफ्ते तक बंधक बनाकर रेप करते रहे।
एक हफ्ते बाद तबीयत खराब होने पर आरोपी पीड़िता को छोड़कर फरार हो गया। इसके बाद पीड़िता ने अपने परिजनों के साथ थाना गुडंबा के गढ़ी चौकी पर शिकायत की तो दारोगा ने टाल दिया। आरोप है कि इसी बीच आरोपी विपिन ने पीड़िता के घर जाकर एफआईआर न लिखाने की धमकी दी और पीड़िता की बहनों से छेड़खानी भी की।
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पीड़िता ने तीन सितंबर को गुडंबा थाने में शिकायत की, लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। जब हाथरस मामले में बवाल बढ़ा तो स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों ने आनन-फानन में पीड़िता का मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद आरोपी विपिन और शकील को तकरीबन 1 महीने बाद गिरफ्तार कर लिया है।
डीसीपी नॉर्थ जोन शालिनी ने बताया, ‘युवती 23 अगस्त को गायब हुई थी। इसके बाद पैरेंट्स ने चौकी पर संपर्क किया था। हालांकि फिर कुछ दिन बाद मिल गई थी। लेकिन उसने कुछ समय बाद में अर्जी दी थी। पीड़िता ने बाद में मेरे ऑफिस अर्जी दी जिसमें तत्काल मुकदमा लिखा गया। एक्शन लेते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। युवती ने रेप की बात कही है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।’