लखनऊ। अब सफाई (Clean) करने को लेकर हर कर्मचारी की हद तय की जाएगी। हदबंदी हो जाने से सफाई कर्मचारियों की तैनाती में गड़बड़ी नहीं हो सकेगी। संबंधित इलाकों में सफाई कर्मचारी, निरीक्षक और सुपरवाइजर का नाम, मोबाइल फोन नंबर और अन्य जानकारी प्रदर्शित की जाएगी।
नालियों की सफाई (Clean) का निरीक्षण करने के लिए चैम्पियनों (निगरानी के लिए तैनात) की तैनाती होगी, जो भूखंडों की सूची भी तैयार करेंगे। इसी तरह प्रमुख बाजारों, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर शाम को भी सफाई होगी और कूड़ा उठाने के लिए मेसर्स ईकोग्रीन की गाडि़यां लगाई जाएंगी।
शासन की तरफ से दी गई 60 दिवसीय, 12 सूत्रीय कार्ययोजना को लेकर नगर निगम मुख्यालय में चार घंटे तक समीक्षा बैठक चली। इसमें नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि सभी नालों की सफाई दस मई तक करा दी जाए।
उन्होंने कहा कि शौचालयों और पिंक टायलेट की समस्याओं को दूर कराते हुए उनका संचालन एवं अनुरक्षण करने से पूर्व फोटो सहित रिपोर्ट दी जाए। इसी तरह मैकेनिकल रोड स्वीपिंग कराने के लिए स्थलों को चिह्नित किया जाए।
ये भी होगा
>> सड़क और फुटपाथों से अतिक्रमण हटाने की योजना जोनल अधिकारियों को दो दिन में तैयार करनी होगी।
>> अतिक्रमण हटाने से पहले नोटिस दी जाएगी और लाउडस्पीकर से सूचना प्रसारित होगी।
> हर वार्ड में अब केवल एक डम्पिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे। यह कार्य 15 दिन में पूरा करना होगा।
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>> सभी सड़कों पर जेब्रा क्रासिंग बनाई जाएगी। कैसरबाग, हजरतगंज, चौक में चौराहों का सुधार किया जाएगा।
>> ऐसे प्वाइंट चिह्नित होंगे, जहां होर्डिंग्स लगाई जा सकती है। एलडीए की तरफ से चिह्नित कबाड़ करोबार स्थलों के अलावा सभी कबाड़ करोबार बंद होंगे।
जमकर लगाई क्लास
करीब चार घंटे से अधिक चली बैठक में नगर निगम के बड़े से लेकर छोटे अधिकारी तक नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी के निशाने पर रहे। उन्होंने एक अधिकारी को फोन पर ही फटकार लगाई तो लापरवाही करने वाला कोई अधिकारी डांट से बच नहीं पाया।
लखनऊ मंडल के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना के निरीक्षण के दौरान कुछ अधिकारियों की उदासीनता पर भी नाराजगी जताई। उन अधिकारियों पर अधिक नाराजगी दिखी, जो मंत्री के निरीक्षण के समय यह हकीकत नहीं बता पाए कि कूड़ा हटाने से किसी ने रोका था, जिससे नगर निगम की बदनामी हो सके।