हरतालिका तीज (Hartalika Teej) के अवसर पर हर महिला का उद्देश्य होता है कि वह अपने व्रत और पूजा से माता पार्वती और भगवान शिव को प्रसन्न कर ले. जिससे उसके मन की मुरादें पुरी हो जाएं. कोई अपने पति की लंबी आयु की कामना करता है तो कोई मनचाहे वर की कामना से निर्जला व्रत रखता है. अब समस्या तब आती है, जब पूजा के समय मंत्र याद न हों या फिर देख करके भी शुद्धता के साथ पढ़ नहीं सकते क्योंकि मंत्र संस्कृत में होते हैं. अब सवाल यह है कि क्या मंत्र से पूजा पूर्ण होती है या मंत्र पढ़ने से ही देवी देवता प्रसन्न होते हैं.
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट कहते हैं कि यदि आप मंत्र का सही उच्चारण कर सकें, तब तो आपको पूजा के समय मंत्रोच्चार करना चाहिए. यदि आप मंत्रों के उच्चारण में समर्थ नहीं हैं तो परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. इसका सबसे सरल और सीधा उपाय भी है. जब भी आप तीज की पूजा करने जाएं तो केवल तीन आसान काम करें.
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श्री पार्वती चालीसा का पाठ
हरतालिका तीज व्रत (Hartalika Teej) माता पार्वती जी को समर्पित है. ऐसे में आप पार्वती चालीसा का पाठ करें. पार्वती चालीसा में देवी के गुणों, महिमा और महात्म का वर्णन विस्तार से किया गया है. इसका पाठ करने से माता पार्वती प्रसन्न होंगी. सबसे अच्छी बात यह है कि माता पार्वती का भगवान शिव से विवाह का भी वर्णन इसमें मिलता है.
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हरतालिका तीज (Hartalika Teej) व्रत कथा
कोई व्रत रखते हैं तो उसकी व्रत कथा का पाठ करते हैं, उस व्रत कथा को पढ़ने से व्रत का महत्व पता चलता है और पुण्य लाभ भी मिलता है. यदि पूजा के समय मंत्रोच्चार आदि नहीं कर सकते हैं तो हरतालिका तीज व्रत कथा को विस्तार से पढ़ें. इस कथा में भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के बारे में बताया गया है.
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माता पार्वती की आरती
पूजा में जो भी कमियां होती हैं, वह आरती से दूर हो जाती हैं. आरती करने से पूजा पूर्ण हो जाती है. ऐसे में आपको हरतालिका तीज के दिन पूजा का समापन माता पार्वती की आरती से करना चाहिए.
सबसे पहले दीपक में गाय का घी ले लें और उसमें बत्ती लगा दें. फिर उसे जलाएं. अब सबसे पहले गणेश जी की आरती, फिर शिव जी आरती और उसके बाद सबसे अंत में माता पार्वती की आरती करनी चाहिए. आरती के समय घंटी बजानी चाहिए.
माता पार्वती की आरती
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥ जय पार्वती माता…
अरिकुल पद्म विनाशिनि, जय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदंबा, हरिहर गुण गाता॥ जय पार्वती माता…
सिंह को वाहन साजे, कुण्डल है साथा।
देव वधू जस गावत, नृत्य करत ताथा॥ जय पार्वती माता…
सतयुग रूपशील अतिसुन्दर, नाम सती कहलाता।
हेमांचल घर जन्मी, सखियन संग राता॥ जय पार्वती माता…
शुम्भ-निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्थाता।
सहस्त्र भुजा तनु धरि के, चक्र लियो हाथा॥ जय पार्वती माता…
खट्टी-मीठी दाल बनाने का आसान तरीकाआगे देखें…
सृष्टि रूप तुही है जननी, शिवसंग रंगराता।
नन्दी भृंगी बीन लही, सारा जग मदमाता॥ जय पार्वती माता…
देवन अरज करत, हम चित को लाता।
गावत दे दे ताली, मन में रंगराता॥ जय पार्वती माता…
श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता।
सदासुखी नित रहता सुख संपत्ति पाता॥ जय पार्वती माता…