मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति में प्रबंधक अब मनमानी नहीं कर पाएंगे। नियुक्ति से पहले उन्हें किन्हीं दो अखबारों में इश्तिहार प्रकाशित कराना होगा। इनमें एक स्थानीय और दूसरा ऐसा समाचार पत्र हो, जिसका प्रसार एक से अधिक मंडलों में हो।
नियुक्ति में पारदर्शिता लाने के लिए उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार ने यह आदेश जारी कर दिया है। इसका पालन कराने के लिए कुशीनगर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की तरफ से भी पत्र जारी किया गया है। अक्सर यह शिकायतें आती रहती हैं कि मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शासनादेश का पालन नहीं किया जाता है। औपचारिकता के तौर पर ऐसे समाचार पत्रों में इश्तिहार दे दिया जाता है, जिन्हें कोई जानता नहीं अथवा वह ढूंढे नहीं मिलते या फिर प्रसार बहुत कम होता है, जिससे ज्यादातर अभ्यर्थी आवेदन से वंचित रह जाते हैं और मनमाने ढंग से नियुक्ति कर ली जाती है।
नियुक्ति में मिली धांधली की शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र जारी किया है। उन्होंने बताया है कि उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी, फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन एवं सेवा विनियमावली के तहत किसी पद पर नियुक्ति के लिए किन्हीं दो दैनिक समाचार पत्रों में इश्तिहार देना आवश्यक है, जिनमें से एक स्थानीय स्तर का तथा दूसरा मंडल स्तर का समाचार पत्र हो और उसका प्रकाशन एक से अधिक मंडलों से होता हो। विज्ञापन में निर्धारित पद अर्हता नियमावली 2016 के अनुसार रिक्त पद का विवरण, नियत अनुभव, शैक्षिक योग्यता, शैक्षणिक अनुभव, वेतन संरचना, आवेदन समय, इत्यादि स्पष्ट रूप से अंकित कराया जाए। आवेदन के लिए न्यूनतम तीन सप्ताह का समय दिया जाए।
उन्होंने सभी संबंधित मदरसों को निर्देशित करने को कहा है कि रिक्त पदों के चयन के लिए प्रकाशित किए जाने वाले इश्तेहार में उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी-फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन एवं सेवा विनियमावली-2016 का ध्यान रखा जाए। इश्तिहार उन्हीं समाचार पत्रों का दिया जाए, जिनका प्रसार अधिक हो। इससे नियुक्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और अधिक से अधिक लोगों को आवेदन के माध्यम से चयन के लिए आवेदन करने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने इसका सख्ती से पालन कराए जाने का निर्देश दिया है। इस जनपद में तहतानिया (प्राथमिक), फौकानिया (जूनियर हाईस्कूल), आलिया (हाईस्कूल से इंटर तक) और उच्चालिया (महाविद्यालय स्तर) के कुल 618 मदरसे संचालित होते हैं।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी विजय पांडेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार की तरफ से इस बारे में पत्र जारी किया गया है। इसका पालन कराने के लिए सभी मदरसों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को पत्र भेज दिया गया है ताकि मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति में पूरी पारदर्शिता आ सके। शासनादेश का पूरी तरह पालन कराया जाएगा।