लखनऊ। राजधानी लखनऊ के कैसरबाग स्थित 139 साल पुराने सेंटीनियल इंटर कॉलेज (centennial inter college) के छात्रों को आज एंट्री नहीं मिली। स्कूल का गेट न खुलने पर शिक्षकों ने गेट के बाहर दरी बिछा कर पढ़ाई शुरू कर दी।
हालांकि तेज धूप और गर्मी के चलते कई बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर करीब साढ़े 10 बजे कक्षा पढ़ाई बंद कर दी। वहीं स्कूल में अवैध कब्जा करने वालों ने गेट नहीं खोला।
शिक्षा विभाग के अफसर भी नहीं पहुंचे। शिक्षकों ने सूचना भेजी थी। इसके बावजूद स्कूल को नहीं खुलवाया गया। बच्चों की पढ़ाई पिछड़ने की वजह से स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक आगे आए। अब वह स्कूल के सामने नियमित बच्चों को पढ़ाएंगे। पहले दिन करीब 70 बच्चे स्कूल आए। जिन्हें गेट के सामने दरी में बैठाया। बोर्ड लगाकर बारी बारी से सभी शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाया।
कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य राजीव डेविड दयाल ने कहा, ”कॉलेज के कुछ शिक्षकों ने दबंग लोगों के साथ मिलकर कॉलेज में कब्जा कर लिया है और ताला डाल दिया गया है। हैरानी की बात इस पूरे प्रकरण से जिम्मेदार अफसर अनजान बने हैं। डेविड ने बताया, “मुझे संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा के कार्यालय से बुलावा आया है। मैं वही जा रहा हूं। जब तक कॉलेज परिसर बच्चों और टीचर्स के हवाले नही किया जाएगा, तब तक यहीं क्लास चलेगी।”
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वहीं शिक्षक स्वप्निल वाटसन बताते हैं कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। वैसे एक हफ्ता से बच्चों की पढ़ाई नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि स्कूल के कुछ शिक्षकों की मिलीभगत से सेंटिनियल स्कूल में कुछ माफियाओं ने कब्जा कर लिया है। एफआईआर और उच्च अधिकारियों को जानकारी है। फिर भी स्कूल को कोई नहीं खुलवा रहा है। उन्होंने ने बताया कि गर्मी की वजह से देर तक बच्चों को नहीं पढ़ाया जा सका। कई बच्चों को गर्मी से सिर दर्द और चक्कर लगने पर पढ़ाई बन्द करनी पड़ी।