इस समय भगवान श्री कृष्ण की उपासना का माह मार्गशीर्ष चल रहा हैं। इस पवित्र मास में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानंदा नवमी (Mahananda Navami ) मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यता के अनुसार, महानंदा नवमी के दिन मां लक्ष्मी और मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
मान्यता है कि महानंदा नवमी (Mahananda Navami ) की पूजा विधि विधान से करने पर भक्त को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। इस पवित्र नदियों में स्नान और दान करने की बहुत मान्यता है। इसे ताल नवमी और नंदा व्रत के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह की महानंदा नवमी 21 दिसंबर, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी।
देवी दुर्गा शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक हैं। बुराइयों से लड़ने के लिए शक्ति और सामर्थ्य प्राप्त करने के लिए महिलाओं द्वारा उनकी विशेष रूप से पूजा की जाती है। महानंदा नवमी की पूजा मेंं देवी दुर्गा की पूजा करने से बुरी आत्माओं पर विजय प्राप्त होती है।
महानंदा नवमी (Mahananda Navami ) पूजा विधि
महानंदा नवमी (Mahananda Navami ) की पूजा में कुमकुम, अक्षत, हल्दी, मेहंदी और दीप शामिल करें। मां के समक्ष घी का दीपक जलायें और पूजा के मंत्रों का जाप करें। महानंदा नवमी की कथा पढ़े और आरती कर पूजा संपन्न करें।