लखनऊ के विकासनगर क्षेत्र स्थित प्राचीन गुलाचीन मंदिर (पंचमुखी हनुमान) के महंत हरेराम (55) पर तपस्वी केशवदास ने बांके से वार कर दिया। वार से महंत हरेराम खून से लथपथ होकर मौके पर ही गिर पड़े। उनके चेलों ने उन्हें ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। वहीं आरोपी केशवदाल को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी साधू का कहना है कि गुरु का बदला लेने के लिए उसने घटना को अंजाम दिया। घटना धार्मिक स्थल से जुड़ी होने के चलते मंदिर के बाहर व अंदर सुरक्षा के लिहाज के पीएसी को तैनात कर दिया गया है।
इंस्पेक्टर विकासनगर आनंद कुमार तिवारी ने बताया कि आरोपी केशवदास (65) मूल रूप से राजस्थान टोंक थानवाला का रहने वाला है। तीन दिन पहले वह मंदिर आया था। शुक्रवार सुबह मंदिर परिसर में पूजा होने के बाद आरोपी केशवदास की बिदाई होनी थी। मंदिर के प्रथम तल पर बिदाई समारोह के दौरान अचानक केशव दास ने महंत हरेराम पर बांके से सिर पर हमला कर दिया। जिससे सिर में गंभीर चोट आई।
वहीं बांके को छीनने के प्रयास में आरोपी केशव दास का भी हाथ फट गया। आरोपी केशव दास के मुताबिक गुलाचीन मंदिर के मंहत हरेराम और केशवदास अपने गुरु के माध्यम से मिले थे। उन्होंने गुरु शिष्य की परंपरा का पालन नहीं किया। इसके चलते गुरू का बदला लेने के लिए हमला किया।
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हरेराम की तहरीर पर आरोपित केशवदास के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर में पीएसी और पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इस संबंध में हरेराम ने कुछ भी बोलने से इंकार किया है। दूसरी तरफ पूरी घटना की उच्च अधिकारियों को जानकारी देकर मामले की जांच शुरू कर दी गई।
पुलिस के मुताबिक केशवदास की मानसिक हालत ठीक नहीं लग रही है। पूछताछ में कभी गुरू का बदला लेने की बात तो कभी मंदिर परिसर में अराजकता का माहौल खत्म करने जैसे बयान दे रहा है। उसने जिस बांके से हमला किया वह भी ऐसा था जिससे किसी की जान लेना आसान नहीं था। आरोपी केशवदास को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। साथ ही उसके विषय में जानकारी जुटाने के लिए गृहजनपद की पुलिस से संपर्क किया जा रहा है।
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पुलिस की पूछताछ में मंदिर के महंत हरेराम ने आरोपी केशवदास के आपराधिक प्रवृति का होना बताया है। उनके मुताबिक कई बार उग्र होकर गलत हरकतें कर चुका है। साधु समाज का होने के चलते मंदिर आने पर उसे सहारा दिया गया था। जहां उसने मंदिर को बदनाम करने की नियत से हमला किया। वहीं आरोपी ने महंत के आपराधिक प्रवृत्ति का होने की बात कहते हुए मंदिर पर एक छ्त्र राज चलाने के लिए शिष्यों व सहयोगियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।