कोरोना काल के बाद अब राजस्थान में स्किल डवलपमेंट के र्कोसेज में बड़ा बदलाव किया जा रहा है. कोविड-19 के बाद होटल और पर्यटन व्यवसाय पर पड़े बड़े नकारात्मक प्रभाव के कारण स्किल डवलपमेंट के कोर्सेज में इनकी मांग कम हो गई थी. लिहाजा कौशल विकास और रोजगार विभाग (RSLDC) ने कोविड के बाद मेडिकल हेल्थ और उद्योगों से जुड़े नए सेक्टर पर फोकस करना शुरू कर दिया है. इनमें कॉरपोरेशन ने राज्य के युवाओं को स्किल की ट्रेनिंग देने के लिए पहले से ही एमओयू किये हैं. ट्रेनिंग के बाद इससे उन्हें रोजगार मिल सकेगा.
हाल ही में कॉरपोरेशन ने जेम्स एंड जूलरी और फॉर्टी के साथ एमओयू किये हैं. कॉरपोरेशन ने युवाओं के स्किल को उपयोगी बनाने के लिए डिग्री के साथ स्किल डवलपमेंट के लिहाज से एमओयू किए हैं. आरएसएलडीसी के सेंटर्स कोरोना की वजह से छह महीने से ज्यादा समय तक बंद रहे थे. इसके बाद अब इन्हें दोबारा शुरू किया गया है. इसके साथ ही कई नए सेंटर भी शुरू किए जा रहे हैं.
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करीब साढ़े चार लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है
कौशल विकास और रोजगार विभाग के सचिव नीरज के पवन का कहना है कि अब तक आरएसएलडीसी के तहत करीब साढ़े चार लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है. विभाग की प्लानिंग है कि युवाओं को इन सेंटर्स पर एम्लॉइमेंट रेडी बनाकर उन्हें स्किल्ड करके बाहर निकले ताकि रोजगार हासिल करने में उन्हें परेशानी नहीं झेलनी पड़े. हालांकि स्किल्ड युवाओं को भी प्राइवेट सेक्टर्स में कोरोना की वजह से नौकरियों पर से संकट झेलना पड़ा था. लेकिन अब इससे विभिन्न सेक्टर्स उबर रहे हैं.
बड़ी संख्या में युवा इन रोजगारन्मुख पाठ्यक्रम के लिये आते हैं
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वहीं कई नये फील्ड भी विकसित हो रहे हैं. आरएसएलडीसी का प्रयास है कि युवाओं नये उभरते हुये क्षेत्रों के लिये तैयार किया जाये ताकि उन क्षेत्रों में स्किल्ड मैनपावर की समस्या ना आये और बेरोजगारों को रोजगार मिल सके. आरएसएलडीसी के इन सेंटर्स में बड़ी संख्या में युवा अपनी पसंद के स्किल को सुधारने और नये स्किल की जानकारी लेने के लिये आते हैं.