जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने पुलवामा में हुई मुठभेड़ को सुरक्षा बलों की एक बड़ी कामयाबी बताते हुए कहा कि इस मुठभेड़ में लश्कर ए तैयबा का शीर्ष कमांडर और उसका साथी मारा गया।
श्री सिंह ने मुठभेड़ और तलाशी अभियान पूरा होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि लश्कर कमांडर एजाज अहमद रेशी, पम्पोर अत्याधुनिक विस्फोटक उपकरण (आईईडी) विस्फोट समेत कईं आतंकवादी घटनाओं में शामिल थ और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के बुरहान वानी से काफी पहले आतंकवादी संगठन में शामिल था।
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वानी अनंतनाग में नौ जुलाई 2016 को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था जिसके बाद कश्मीर घाटी में व्यापक तौर पर विरोध प्रदर्शन एवं झड़पें हुयीं थीं। रेशी वर्ष 2015 में ही आतंकवादी संगठन के कार्यकर्ता के रूप में शामिल हुआ था। पम्पोर में हुए आईईडी विस्फोट में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के आठ जवान शहीद हुए थे।
One of the neutralised terrorists was a commander of the Lashkar-e-Taiba. He was active since the times of Burhan Wani. I hope the families of those who were recruited & led astray by him will now have solace knowing that this terrorist is dead: Dilbag Singh, DGP, J&K https://t.co/BvDlbLglYl
— ANI (@ANI) September 28, 2020
पुलिस प्रमुख ने बताया कि रविवार शाम अवंतिपोरा के सामबूरा पामपोर में खुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान शुरू किया। इस दौरान हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गये और एक सैनिक घायल हो गया। सुरक्षा बलों ने दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में सोमवार की सुबह घेराबंदी और तलाश अभियान फिर शुरू कर दिया।
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आधिकारिक सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि आज सुबह होने के साथ सुरक्षा बलों ने अपना अभियान पुन: शुरू कर दिया। इसी दौरान मारे गये आतंकवादियों के शव बरामद किये गये।
मृत आतंकवादी की पहचान लश्कर के सबसे पुराने कमांडर के रूप में की गयी है। उसके साथ मारे गये एक अन्य आतंकवादी की पहचान सज्जाद अहमद सोफी के रूप में हुई है जिसकी भर्ती रेशी ने ही की थी।
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पुलिस प्रमुख ने बताया कि युवक अब हिंसा का रास्ता छोड़ना चाहते हैं और गत पखवाड़े 15 युवक हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। इसके साथ ही इस वर्ष अब तक 24 से अधिक युवक हिंसा और आतंकवाद का रास्ता छोड़ चुके हैं।