प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नववर्ष 2022 की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाओं के साथ आज आह्वान किया कि वे अवसरों में बिना एक क्षण गंवाए और संसाधनों का बिना एक कण गंवाए, आने वाले वर्ष 2022 को नये भारत के निर्माण के इतिहास में एक स्वर्णिम पृष्ठ बनाएं।
श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में लोगों का यह आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ में हम एक महीने बाद फिर मिलेंगे, लेकिन, 2022 में। हर नई शुरुआत अपने सामर्थ्य को पहचानने का भी एक अवसर लाती है। जिन लक्ष्यों की पहले हम कल्पना भी नहीं करते थे। आज देश उनके लिए प्रयास कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे यहाँ कहा गया है –क्षणश: कणशश्चैव, विद्याम् अर्थं च साधयेत्। क्षणे नष्टे कुतो विद्या, कणे नष्टे कुतो धनम्।। यानी जब हमें विद्या अर्जित करनी हो, कुछ नया सीखना हो, करना हो, तो हमें हर एक क्षण का इस्तेमाल करना चाहिए। और जब हमें, धन अर्जन करना हो, यानि उन्नति-प्रगति करनी हो तो हर एक कण का, यानि हर संसाधन का, समुचित इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि, क्षण के नष्ट होने से, विद्या और ज्ञान चला जाता है, और कण के नष्ट होने से, धन और प्रगति के रास्ते बंद हो जाते हैं।”
उन्होंने कहा, “ये बात हम सब देशवासियों के लिए प्रेरणा है। हमें कितना कुछ सीखना है, नए-नए नवान्वेषण करने हैं, नए-नए लक्ष्य हासिल करने हैं, इसलिए, हमें एक क्षण गंवाए बिना लगना होगा। हमें देश को विकास की नयी ऊँचाई पर लेकर जाना है, इसलिए हमें अपने हर संसाधन का पूरा इस्तेमाल करना होगा।”
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उन्होंने कहा, “ये एक तरह से, आत्मनिर्भर भारत का भी मंत्र है, क्योंकि, हम जब अपने संसाधनों का सही इस्तेमाल करेंगे, उन्हें व्यर्थ नहीं होने देंगे, तभी तो हम लोकल की ताकत पहचानेंगे, तभी तो देश आत्मनिर्भर होगा। इसलिए, आईये हम अपना संकल्प दोहरायें कि बड़ा सोचेंगें, बड़े सपने देखेंगे, और उन्हें पूरा करने के लिए जी-जान लगा देंगे। और, हमारे सपने केवल हम तक ही सीमित नहीं होंगे। हमारे सपने ऐसे होंगे जिनसे हमारे समाज और देश का विकास जुड़ा हो, हमारी प्रगति से देश की प्रगति के रास्ते खुलें और इसके लिए, हमें आज ही लगना होगा, बिना एक क्षण गँवाए, बिना एक कण गँवाये।”
श्री मोदी ने सभी को 2022 की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा, “मुझे पूरा भरोसा है कि इसी संकल्प के साथ आने वाले साल में देश आगे बढ़ेगा, और 2022, एक नए भारत के निर्माण का स्वर्णिम पृष्ठ बनेगा।”