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हरिद्वार घूमने का बना रहे हैं प्लान, तो इन जगहों का जरूर लें आनंद

Haridwar

Haridwar

हिन्दू तीर्थ स्थानों में हरिद्वार (Haridwar) महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं जहां का पवित्र माहौल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। हरिद्वार ऐसी जगह जहां मंदिरों के दर्शन करते हुए आप घूमने का मजा ले सकते हैं। हरिद्वार में आकर लोग अपने मन को सुख-शांति प्रदान करते हैं जिसके चलते कई भी महीना या मौसम हो यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा ही रहता है। आप चाहे तो वीकेंड पर भी हरिद्वार (Haridwar) में घूमने का मजा ले सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको हरिद्वार (Haridwar) की मुख्य घूमने की जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप अपने परिवार, दोस्तों या फिर अकेले भी जा सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में…


गंगा आरती

गंगा की पवित्र लहरों के घाट जिसे हर की पौड़ी के नाम से जाना जाता पर हर संध्या को आरती की जाती है जो गंगा मैया को समर्पित है। पुजारियों द्वारा हाथ में लिए बड़ें-बड़े दीयों से इस पावन स्थान की आरती की जाती है देखकर ऐसा लगता है जैसे प्रकृति ने स्थल को अपनी रोशनी से जगमगा दिया हो। पानी में पड़ता दीयों का प्रतिबिंब टिमटिमाते सितारों की तरह मालूम पड़ता है। महाआरती की मधुर आवाज़ पूरे घाट में गूँजती हुई सुनाई पड़ती है। इस आरती का गवाह बनने सिर्फ भारतीय पर्यटक ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी भारी मात्रा में आते हैं।

हर की पौड़ी

हर की पौड़ी हरिद्वार (Haridwar)  की प्रमुख जगहों में से एक है। हर की पौड़ी का अर्थ है – प्रभु के पैर। ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान विष्णु प्रकट हुए थे और हरि की पौड़ी पर एक पत्थर पर भगवान के पदचिन्ह भी हैं। इस घाट से गंगा पहाड़ों को छोड़ मैदान की तरफ मुड़ती है। इस घाट पर श्रद्धालुओं की सबसे ज़्यादा भीड़ होती है। प्रतिदिन गंगा आरती का आयोजन भी इसी घाट पर होता है।

पारद शिवलिंग

हरिद्वार (Haridwar) से 2 किलोमीटर दूर स्थित कनखल का पारद शिवलिंग हरिहर आश्रम बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ शुद्ध पारे से बने 151 किलो के शिवलिंग की स्थापना की गई है। यहां हर साल लाखों भक्त आते हैं। यहाँ एक रूद्राक्ष का पेड़ भी है जो श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र है।

चंडी देवी मंदिर

नील पर्वत पर बसा यह मंदिर चंडी देवी को समर्पित है। ऊँचाई पर बसा यह मंदिर सिर्फ पूजा-पाठ का केंद्र नहीं है बल्कि यात्रियों के बीच ट्रैकिंग के लिए भी लोकप्रिय है। खूबसूरत प्राकृतिक नज़ारे के साथ भक्ति का मेल अद्भुत है। हरिद्वार के पाँच तीरथ स्थलों में ये भी एक है जहाँ भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने की इच्छा सँजो के लाते है। इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था व विश्वास बहुत गहरा है। पहाड़ के ऊपर मंदिर व चारों तरफ हरियाली कितनी शोभा बिखेरता नज़र आता है। यहाँ से हरिद्वार की फोटो बेहद सौंदर्य पूर्ण आएगी। यह सबसे प्रसिद्ध हरिद्वार के दर्शनीय स्थल में से है।

मनसा देवी मंदिर

हरिद्वार से 3 किलोमीटर की दूरी पर बिलवा पर्वत पर स्थित यह मंदिर आस्था का एक प्रमुख स्थल है। मनसा देवी को पार्वती का ही एक रूप कहा गया है। माना जाता है कि मनसा देवी मंदिर में मांगी गई मन्नत ज़रूर पूरी होती है इसलिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं। हरिद्वार से यहां तक चल कर आया जा सकता है या रोपवे के जरिए भी पहुंचा जा सकता है।

वैष्णो देवी मंदिर

कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर के नक्शे कदमों पर चलता हुआ यह मंदिर भी उसी की छवि है। मंदिर ऊँचाई पर स्थित है इसलिए यह धार्मिक यात्रियों के साथ-ही-साथ प्रकृति प्रेमियों के लिए भी उचित स्थान है क्योंकि यहाँ से आपको सौंदर्य ही सौंदर्य देखने को मिलेगा। मंदिर में तीन प्रतिमाए हैं- लक्ष्मी, काली व सरस्वती की जिन्हें बेहद महीनता से उकेरा गया है। मंदिर अपनी वास्तुकला व गुफाओं के लिए चर्चित है। यहाँ आपको मंदिर तक पहुँचने के लिए कश्मीर के मंदिर जितनी मेहनत नहीं करनी पड़ेगी पर समझ लीजिए कि यह उसी का छोटा स्वरूप है। यह सबसे नामी हरिद्वार के दर्शनीय स्थल में से है।

विष्णु घाट

हरिद्वार के सबसे प्रसिद्ध घाटों में से एक विष्णु घाट है। ऐसा माना जाता है की यहां भगवान विष्णु ने स्नान किया था और यहां स्नान करने से सभी पाप मिट जाते हैं, इसी वजह से यहां श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ देखने को मिलती है।

भारत माता मंदिर

भारत माता मंदिर को मदर इंडिया मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर भारत माता को समर्पित है और यह देश का इकलौता ऐसा मंदिर है जहाँ भारत माता की मूर्ती की पूजा होती है। इस मंदिर का निर्माण 1983 में स्वामी सत्यमित्रानंद द्वारा किया गया था और इसका उद्घाटन इंदिरा गाँधी ने किया था। यह मंदिर 108 फीट ऊंचा है और इसमें कुल 8 मंजिलें हैें। हर एक मंजिल में अलग अलग देवी-देवताों और स्वतंत्रता संग्रामियों की मूर्ती व फोटो हैं।

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