लखनऊ। यूपी एसटीएफ (UP STF) ने मेरठ, बागपत और हापुड़ में मानकों के विपरीत व मिलावटी पेट्रोल-डीजल (Petrol-diesel) बेचने का भण्डाफोड़ कर रैकेट के मास्टरमाइंड और मालिक को गिरफ्तार (Arrested) किया है।
पुलिस का कहना है कि इन दोनोें पैट्रोल पम्प पर अतिरिक्त मदर बोर्ड लगाकर पेट्रोल और डीजल में मिलावट कर उसे मानक के विपरीत बेचने के मामले में नायरा पेट्रोल पंपों पर छापेमारी की गयी। यहां पर अतिरिक्त मदर बोर्ड लगाकर पेट्रोल और डीजल में मिलावट कर उसे मानक के विपरीत बेचना पाया गया। उसके बाद पेट्रोल पंप के मालिक सतेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया गया। सतेन्द्र मेरठ का रहने वाला है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि ये छापेमारी मेरठ, बागपत और हापुड़ में की गयी। छापेमारी में पांच पेट्रोल पंपों पर गड़बड़ी पायी गयी।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अभिसूचना संकलन के माध्यम से जानकारी मिली थी कि मेरठ व उसके आस पास के जनपदों में पेट्रोल पम्पों पर मशीनों में अलग से मदरबोर्ड (कार्ड) व डिस्प्ले लगाकर तथा पेट्रोल-डीजल में सॉल्वेन्ट मिलाकर धोखाधडी की जा रही है। इस आसूचना के क्रम में जिला प्रशासन, जिला पूर्ति अधिकारी एवं स्थानीय पुलिस से समन्व्य स्थापित करते हुए संयुक्त टीमों का गठन किया गया। जनपद मेरठ, बागपत व हापुड में स्थित कई पेट्रोल पम्पों को चिन्हित कर एक साथ सयुंक्त छापेमारी की गयी, जिसमें पांच पेट्रोल पम्पों पर प्रारम्भिक जॉच में पाया गया कि कम्पनी द्वारा लगाये गये मदरबोर्ड का बाईपास तैयार कर मशीनों में लगे नॉजल्स को चलाने वाले मदरबोर्ड से अतिरिक्त अलग से मदरबोर्ड (कार्ड) लगाकर नोजल को इस कार्ड से कनेक्ट किया गया था तथा तेल के स्टॉक को चेक किया गया, जिसमें निर्धारित स्टॉक से अत्यधिक मात्रा में स्टॉक पाया गया। जिसे सॉल्वेन्ट मिलाकर तैयार किया गया था। इसी निर्धारित स्टॉक से अधिक स्टॉक को अतिरिक्त लगाये गये मदरबोर्ड (कार्ड) के माध्यम से बेच रहे थे, जिसका न तो मशीन में और न ही अन्य कही किसी प्रकार का कोई रिकार्ड मौजूद था।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जिला पूर्ति विभाग द्वारा उक्त पेट्रोल पम्प मालिकों एवं इस अवैध काम में शामिल अन्य सम्बन्धित व्यक्तियों के विरूद्ध स्थानीय थानों पर अभियोग पंजीकृत कराते हुए स्थानीय पुलिस द्वारा सतेन्द्र उर्फ देवेन्द्र कुमार, पेट्रोल पम्प मालिक अवनीश गोयल, थाना इंचैली, मेरठ में पेट्रोल पम्प मालिक व मैनेजर राकेश कुमार, रविन्द्र व सुधीर को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त तकनीकी मास्टरमाइन्ड देवेन्द्र उर्फ सतेन्द्र ने पूछताछ पर बताया कि उसने वर्ष-2004 में किसान इण्टर कालेज, शामली से बीएससी किया है। 2-3 वर्ष नौकरी की तैयारी की परन्तु जब कहीं सेलेक्शन नहीं हुआ तो वर्ष-2007 में दिल्ली जाकर अलग-अलग इंश्योरेन्स कम्पनियों में लगभग 5 वर्षों तक इंश्योरेन्स सलाहकार के रूप में काम किया। उस दौरान भंगेल नोएडा में किराये के मकान में रहता था, उसी बिल्डिंग में बुलन्दशहर निवासी महीपाल थी रहता था, जो मिडको कम्पनी (जिसकी पेट्रोल पम्प पर मशीन लगी होती हैं) मे फिटर का काम करता था। उसने ही उसे पेट्रोल पम्प पर टैंक पाइप लाईन का काम सीखने की सलाह दी और अपने साथ एक दो साइट पर ले गया। कुछ दिन बाद से वह टैंक पाइप लाईन का काम करने लगा और धीरे-धीरे पाइप लाईन के साथ-साथ मशीन के हैगिंग हार्डवेयर (जो पार्ट मशीन के बाहर होते हैं जैसे नोजल, सिविल ज्वाईंट, होज पाईप आदि) के साथ-साथ अन्य तकनीकी काम करने लगा। वर्ष-2017 तक दिल्ली के पेट्रोल पम्पों पर संविदा पर रिपेरिंग का काम किया। वर्ष-2018 में दिल्ली छोड़कर वह यूपी आ गया तथा और प्राईवेट पेट्रोल पम्पों पर कार्य करने लगा। वर्ष-2017 में जब एसटीएफ ने पेट्रोल पम्पों पर चिप सिस्टम से धोखाधड़ी करने वाले पम्पों को पकड़ा था तब उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए आर्डर पास किया था कि मशीनों में लगे पल्सर यूनिट पोटेड (कवर्ड/इन्टेक्ट) होनी चाहिए। जिसकी वजह से सभी कम्पनियों ने पुरानी मशीने निकाल दी या फिर कुछ जगह अनपोटेड की जगह पोटेड पल्सर लगवा दीं। वर्ष-2019 में पेट्रोल पम्पो पर नई मशीने आ गयी और पुरानी मशीनों को स्क्रेपर्स ने खरीद लिया। वर्ष-2019 में मुझे ज्ञात हुआ कि पुरानी मशीने स्क्रेप विक्रेताओं के पास है तो उसने मदर बोर्ड एवं अन्य उपकरण इनसे खरीद कर इन्ही उपकरणो के माध्यम से जीबीआर (गिलबारको) कम्पनी के फिटर/मैकेनिक और पेट्रोल पम्प के मालिको से मिलीभगत कर आटोमेशन सिस्टम एवं मदरबोर्ड में छेड़छाड़ कर मिलावटी डीजल/पेट्रोल बेचने का काम करते थे। इस मशीनों में बदलाव के एवज में उसे पम्प मालिकों से 50 से 01 लाख तक मिलता था।