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मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, सोते वक़्त एक ही परिवार के तीन लोगों की निर्मम हत्या

Manipur Violence

Manipur Violence

इंफाल। मणिपुर (Manipur Violence) में तीन महीने से हिंसा जारी है। मैतेई और कूकी समुदाय के लोग एक-दूसरे के खिलाफ हिंसक हो रखे हैं। इस बीच बिष्णुपुर में देर रात बाप-बेटे समेत एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि जिले के क्वाक्टा इलाके में इन तीनों लोगों को सोते समय गोलियां मारी गईं और फिर उन पर तलवार से हमला किया गया। सभी हमलावर चुराचांदपुर से आए थे।

पुलिस बताया कि तीनों मृतक एक राहत शिविर में रह रहे थे, लेकिन स्थिति में सुधार होने के बाद वह शुक्रवार को क्वाक्टा में अपने घर लौट गए थे।घटना के तुरंत बाद गुस्साई भीड़ क्वाक्टा में जमा हो गई और चुराचांदपुर की तरफ बढ़ने लगी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोक दिया। फौगाकचाओ और क्वाक्टा के आसपास राज्य के सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी होने की भी खबरें हैं।

इलाके में दर्जनों बफर जोन बनाए गए

केंद्रीय सुरक्षा बलों ने बिष्णुपुर और आसपास के इलाके में दर्जनों बफर जोन बनाए हैं। पिछले कई घंटों से इंफाल और बिष्णुपुर खासतौर पर हिंसा (Violence) का केंद्र बना हुआ है। यहां आगजनी और तोड़फोड़ की कई घटनाएं सामने आई है। बिष्णुपुर में हिंसा की ताजा घटनाओं के बीच पूर्वी इंफाल और पश्चिमी इंफाल में कर्फ्यू में पूरी तरह से ढील दे दी गई है। एहतियाती तौर पर दिन के समय में कर्फ्यू जारी रखने का फैसला किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मैतेई समुदाय की भीड़ बिष्णुपुर में सुरक्षा बलों से भिड़ गई। भीड़ को हटाने के लिए सुरक्षा बलों को गोलियां चलानी पड़ी।

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पता चला कि यह घटना तब हुई जब मैतेई महिलाएं जिले में एक बैरिकेड क्षेत्र को पार करने की कोशिश कर रही थीं। उन्हें असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) ने रोका, जिससे समुदाय और सशस्त्र बलों के बीच पथराव और झड़पें हुईं। असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स की गोलीबारी में 19 लोगों के घायल हो गए।

बिष्णुपुर के कांगवई और फौगाकचाओ में यह झड़प हुई। इस बीच बिष्णुपुर आउटपोस्ट पर 300 हथियारों की लूट हो गई। भीड़ ने आउटपोस्ट को घेर लिया था और सभी गथियार लूट कर ले गए। लगभग उसी समय मैतेई-बहुल बिष्णुपुर जिले में दो पुलिस चौकियों में भी हथियारों की लूट हुई लेकिन यहां दूसरी हथियारबंद भीड़ ने हमला किया था। सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बावजूद पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा थम नहीं रही है। इससे पहले भी, मई में भीड़ ने घाटी और पहाड़ियों दोनों में पुलिस स्टेशनों, रिजर्व, बटालियनों और लाइसेंसी हथियारों की दुकानों से 4,000 से ज्यादा हथियार और पांच लाख से अधिक गोला-बारूद लूट लिया था। इनमें 45 फीसदी हथियार कर लिए गए।

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