हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya) 30 नवंबर को सुबह करीब 9.30 बजे शुरू हो रही है और 1 दिसंबर को सुबह 11 बजे समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार अमावस्या 1 दिसंबर रविवार को है। पंचांग भेद के कारण दो दिन अमावस्या मनाई जा रही है।
अमावस्या की तारीख को लेकर विभिन्न ज्योतिषियों का अलग-अलग मत है। कुछ लोग 30 नवंबर को अमावस्या मना रहे हैं तो कुछ लोग 1 दिसंबर को अमावस्या मना रहे हैं। इस दिन स्नान-दान आदि का बहुत अधिक महत्व होता है। कई लोग पितृ और कालसर्प दोष से परेशान रहते हैं। अमावस्या (Margashirsha Amavasya) के दिन कुछ उपाय करने से इन दोषों से मुक्ति मिल सकती है। आइए जानते हैं अमावस्या के दिन पितृ और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए क्या करना चाहिए-
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय-
पितृ दोष की वजह से व्यक्ति का जीवन परेशानियों से भर जाता है। इस दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या (Margashirsha Amavasya) के दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए। पितरों का स्मरण कर पिंड दान करना चाहिए और अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें।
कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय-
कालसर्प दोष की वजह से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या के पावन दिन विधि- विधान से भगवान शिव की पूजा- अर्चना करनी चाहिए।
इस दिन दूध, गंगा जल, इत्यादि से भोलेनाथ का अभिषेक करें। भोलेनाथ को भोग भी लगाएं और उनकी आरती करें। भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है।