• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

‘पंजशीर के शेर’ मसूद की दहाड़, कहा- ‘सरेंडर’ जैसा शब्द मेरी डिक्शनरी में नहीं

Writer D by Writer D
22/08/2021
in Main Slider, World, अंतर्राष्ट्रीय, ख़ास खबर
0
ahmad shah masood

ahmad shah masood

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

अफगानिस्तान में ‘पंजशीर के शेर’ कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद सीनियर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। वीडियो के साथ दावा किया गया है कि वह तालिबान के प्रति प्रतिबद्धता की अफवाह को खारिज कर रहे हैं।

दरअसल बीते दिनों तालिबान ने अफवाह उड़ाई थी कि अहमद आतंकी समूह में शामिल हो गए हैं जिसे उन्होंने खारिज कर दिया है। अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए अहमद भी अफगानियों के लिए तालिबान के खिलाफ खड़े हो गए हैं।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो में अहमद अपने लड़ाकों के सामने भाषण दे रहे हैं। एक ट्वीट में Bernard-Henri Lévy ने लिखा, ‘मैंने अहमद मसूद से फोन पर बात की। उन्होंने मुझसे कहा कि वह अहमद शाह मसूद के बेटे हैं। आत्मसमर्पण जैसा शब्द उनके शब्दकोष में नहीं है। यह शुरुआत है। विरोध की शुरुआत हो चुकी है।’

अहमद के पिता पहले सोवियत संघ और फिर तालिबान के खिलाफ विरोध का प्रमुख चेहरा थे। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अब मसूद की विरासत उनके 32 वर्षीय बेटे ने संभाली है।

पूरी हुई ‘बाबूजी’ की अंतिम इच्छा, भाजपा झंडे में लपेटा गया पार्थिव शरीर

अहमद ने अमरुल्ला सालेह, जो कार्यवाहक राष्ट्रपति होने का दावा कर रहे हैं, के साथ मिलकर अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत की सुरम्य घाटी से तालिबान विरोधी मोर्चा शुरू किया है। पंजशीर तालिबान विरोधी आंदोलन का केंद्र रहा है। 2001 में अहमद शाह मसूद को तालिबान और अल-कायदा ने साजिश के तहत मार गिराया था। उस वक्त अहमद सीनियर सिर्फ 12 साल के थे। सनद रहे कि काबुल

अहमद के लिए न ही अफगानिस्तान की मौजूदा परिस्थितियां नई हैं और न ही वह लड़ाई जिसके लिए उन्होंने हथियार उठाए हैं। बचपन से वह अपने पिता को आतंकियों के खिलाफ लड़ते हुए देख रहे हैं। उन्होंने 2019 में एक गठबंधन बनाया था जिसे ‘National Resistance Front of Afghanistan’ कहा जाता था। यह गठबंधन Northern Alliance की तर्ज पर तैयार किया गया था, जिसमें उनके पिता शामिल थे।

Tags: # world newsafganistanahmad shah masoodinternational NewsPanjshirTaliban
Previous Post

पूरी हुई ‘बाबूजी’ की अंतिम इच्छा, भाजपा झंडे में लपेटा गया पार्थिव शरीर

Next Post

CM  योगी ने बांदा के शजर को ब्रिटेन के राष्ट्रपति को गिफ्ट के रूप में किया भेंट

Writer D

Writer D

Related Posts

Curtains
Main Slider

पर्दो से घर को मिलेगा आकर्षक लुक, यहां से लें आइडिया

20/09/2025
Pumpkin
फैशन/शैली

अब ट्राई करें कद्दू की ये 5 टेस्टी रेसिपी, न पसंद करने वाले भी खाते ही रह जाएंगे

20/09/2025
Cream
Main Slider

इन टिप्स से दूध में जमेगी मोटी मलाई, नहीं पड़ेगी मार्केट से घी खरीदने की जरूरत

20/09/2025
CM Vishnudev Sai
Main Slider

सीएम साय खारुन मईया समरसता भव्य महाआरती में हुए शामिल

19/09/2025
CM Yogi reviews preparations for UPITS
Main Slider

प्रदेश की समृद्ध परंपरा, हुनर और उत्पादों को वैश्विक मंच प्रदान करेगा यूपीआईटीएस 2025: सीएम योगी

19/09/2025
Next Post

CM  योगी ने बांदा के शजर को ब्रिटेन के राष्ट्रपति को गिफ्ट के रूप में किया भेंट

यह भी पढ़ें

विश्व स्वास्थ्य संगठन बार-बार दिखा रहा भारत का गलत नक्शा

14/01/2021
Rhea Chakraborty KRK

रिया चक्रवर्ती ने शेयर की वॉट्सऐप चैट, तो केआरके बोले- और कितना गिरोगी, अब तो शर्म करो

10/08/2020
आजम खां

आजम खां, पत्नी व बेटे के खिलाफ 69 मामलों में से 65 में चार्जशीट दाखिल

09/08/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version