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माचिस फैक्ट्री में लगी भीषण आग, शहर का बड़ा हिस्सा तबाही से बचा

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फर्रुखाबाद। कायमगंज कोतवाली क्षेत्र में रविवार को माचिस के गोदाम में आग (Massive fire) लग गई। भीषण आग को दमकल ने कड़ी मशक्कत के बाद काबू किया।

कायमगंज नगर की घनी आबादी के बीच स्थित एक माचिस की गोदाम में अचानक आग लग गई। आग कैसे लगी इसका पता अभी तक नहीं चल सका है। किंतु इस भीषण अग्निकांड की चपेट में आने से, इसे संयोग ही कहा जा सकता है, की घनी आबादी का एक बहुत बड़ा भाग बच गया। हो रही चर्चा के अनुसार यदि बात सही है कि जिस जगह माचिसों का गोदाम में स्टोर रहता है। उसके पास में ही दूसरी गोदाम में काफी लंबे समय से यही व्यापारी पटाखों का स्टोर भी बनाये हैं और इन विस्फोटक पदार्थों से बने पटाखों की बिक्री दीपावली तथा दूसरे त्योहारों पर की जाती है। यदि वास्तव में इसके पास वाले स्टोर में पटाखे रखे जाते हैं, और कहीं माचिस गोदाम से आग इस स्टोर में लग जाती तो फिर स्थिति बहुत ही भयानक हो सकती थी। लेकिन ऐसा होने से बच गया, यह अच्छा ही रहा।

बता दें कि, कायमगंज नगर के मोहल्ला नुनहाई गांजा भांग वाली गली में प्रदीप कुमार अशोक कुमार रस्तोगी की गोदाम है। जिसमें लाखों रुपए की कीमत की माचिस व्यापार के लिए रखी थी। इसी व्यापारी का आतिशबाजी में खास कर पटाखों का भी पुराना बिक्री कारोबार है। यह दोनों चीजें ज्वलनशील विस्फोटक मानी जाती हैं। इस गोदाम से अचानक दुर्गंध के साथ धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया। साथ ही कुछ विशेष आवाज के साथ आग की लपटें भी निकलने लगी। जिसे देखते ही पूरे मोहल्ले में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया। आनन फानन इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई। फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अग्निकांड की सूचना पाते ही कस्बा चौकी इंचार्ज रहमत अली खान कोतवाली पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए थे।

पुलिस ने संभावित खतरे को देखते हुए इस भीड़भाड़ भरे स्थान पर जाने के लिए लोगों की भीड़ को नियंत्रित करते हुए रूट बदलवाया। जिससे कोई अन्य खतरा ना हो सके। अग्निकांड की सूचना बहुत जल्दी ही पूरे नगर में सनसनी के साथ फैल गई। मौके पर बहुत से मीडिया कर्मी तथा पत्रकार पहुंचे। उन्होंने अग्निकांड की विभीषिका को कैमरे में कैद करना चाहा। लेकिन मौके पर मौजूद फर्म के लोगों ने उन्हें वहां से जाने की कहकर फोटो नहीं लेने दिया।

जब उनसे पूछा कि आग कैसे लगी और इस गोदाम में क्या था। तो वह कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे। किंतु दबी जबान से पड़ोसी नाम न छापने की शर्त पर कह रहे थे की गनीमत रही की माचिस की गोदाम में ही आग लगी पटाखों की गोदाम बच गई अगर कहीं उसमें भी आग पहुंच जाती तो न जाने कितना बड़ा खतरा हो सकता था। लगभग 2 साल पहले भी इन्हीं व्यापारी बंधुओं के यहां इसी गोदाम में आग लग चुकी है। किंतु फिर भी कोई खास व्यवस्था ना होने के कारण आज फिर एक बार अग्निकांड हो गया।

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