उत्तर प्रदेश में मथुरा की जिला अदालत ने 23 साल पुराने तिहरे हत्याकांड मामले में छह अभियुक्तों को आजीवन जबकि क्रास केस में छह को सात सात की सश्रम कारावार की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार छाता कोतवाली क्षेत्र के तहत गोहारी गांव में पांच मई 1997 को जमीनी विवाद को लेकर गांव के खचेरा, सुखीचन्द और बालकराम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड से गांव में कोहराम मच गया था। वादी पक्ष की ओर से 11 लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस हत्या के आरोपियो में तीन की जहां मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई थी। वहीं एक आरोपी जुवेनाइल अदालत से बरी हो गया तथा एक आरोपी अभी फरार चल रहा है।
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इस मामले का क्रास केस धारा 307 आईपीसी एवं अन्य धाराओं में छह लोगों के खिलाफ दर्ज कराया गया था।
अपर सत्र न्यायाधीश संजय यादव (प्रथम) ने मंगलवार को अभियुक्त पक्ष की दलीलों को अस्वीकार करते हुए डाक्टरी रिपोर्ट ,पत्रावली एवं साक्ष्य के आधार पर छह आरोपियों रतीराम, ब्रजकिशोर, जवाहर सिंह, नवल सिंह, सुरेश, बाली को धारा 147, 148,323/ 149,324/149,307/ 149,302/149 आईपीसी के जुर्म में आजीवन कारावास एवं साढे़ 18 हजार का जुर्माना देने का आदेश दिया है। विभिन्न धाराओं में किये गए कुल जुर्माना को अदा न करने पर दो साल का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। आदेश में कहा गया है कि सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।
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उन्होंने बताया कि इसी मामले के क्रास केस में धारा 147, 148, 323/149,324/149, 307/149 आईपीसी के तहत विजय सिंह, प्रेमचन्द्र, महीपाल, खुशीराम, सुम्मेर एवं तेजसिंह को सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं साढ़े आठ हजार का जुर्माना लगाया है। विभिन्न धाराओं में किये गए जुर्माना को न अदा करने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास भोगने का आदेश दिया गया है।