इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मौलाना सैफ अब्बास नकवी के खिलाफ रिकवरी नोटिस के मामले में किसी भी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। दरअसल जिला प्रशासन ने मौलाना सैफ अब्बास के खिलाफ 67 लाख रुपये की रिकवरी की नोटिस जारी की थी।
ये रिकवरी नोटिस सीएए, एनआरसी के प्रदर्शन में प्रापर्टी डैमेज पर जारी हुआ था। 3 मार्च और 16 जून के प्रशासन के रिकवरी आदेश को मौलाना ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। कोर्ट ने सरकार को 4 हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है।
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कोर्ट ने इस मामले को इसी प्रकार के अन्य मामलों के साथ जनवरी में सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस आलोक सिंह व जस्टिस के एस पवार की खंडपीठ ने मौलाना की तरफ से दाखिल रिट याचिका पर दिया है।
दरअसल याचिका में मौलाना सैफ अब्बास की तरफ से कहा गया था कि रिकवरी आदेश बिना अधिकार के पारित किया गया है। यह भी कहा गया कि इसी प्रकार के अन्य मामलों में याची को अंतरिम राहत दी गई थी, ऐसे में उन्हें भी अंतरिम राहत प्रदान की जाए।
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मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मौलाना सैफ अब्बास के खिलाफ किसी भी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी, साथ ही प्रदेश सरकार से इस संबंध में जवाबी हलफनामा तलब कर लिया है। सरकार को 4 हफ्ते का समय दिया गया है।