मऊ जिले के कुंचाई गांव निवासी अभिषेक सिंह को अमेरिका की दो यूनिवर्सिटी ने रिसर्च के लिए बुलावा भेजा है। एडवांस मेटेरियल साइंस में रिसर्च के लिए अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी ने अभिषेक को 75602 यूएस डालर (करीब 50 लाख रुपये) छात्रवृत्ति का ऑफर भेजा है। अभिषेक को वर्ष 2019 में यंग रिसर्चर की श्रेणी में रिसर्च पेपर एनआईटी रायपुर में चयन हो चुका है। उनकी इस कामयाबी से जिले में हर्ष का माहौल है। साथ ही बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
घोसी ब्लॉक क्षेत्र के कुंचाई निवासी मेधावी छात्र अभिषेक ने वर्ष 2018-2020 तक सेंट्रल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट रायपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर कार्य किया। रिसर्च की ऊंचाई छूने का जज्बा रखने के लिए नौकरी छोड़ी औऱ तैयारी में जुट गए। मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने वाले अभिषेक को अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी और यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सवर्ग से शोध कार्य के लिए बुलावा आया था। उन्होंने मियामी को चुना।
वर्तमान में चिकित्सा क्षेत्र में फ्रैक्चर हड्डी को जोड़ने के लिए स्टेनलेस स्टील और टाइटेनियम मेटल का प्रयोग किया जाता है। जो बहुत ही महंगा होता है। साथ ही कुछ वर्षों बाद ही इसे शरीर से निकालना भी होता है। अभिषेक अब नए शोध और तकनीक के माध्यम से एडवांस लाइट वेट, बायोडिग्रेडेबल मेटेरियल में कार्य कर सस्ता तकनीक प्रदान करने पर शोध करेंगे। ताकि मरीज को दोहरे ऑपरेशन से न गुजरना पड़े।
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इंजीनियरिंग करते वक्त ही अभिषेक वैज्ञानिक बनने का सपना देखने लगे थे। उनके पिता स्व. अखिलेश सिंह बीएसएफ में कांस्टेबल थे। नवंबर 2001 में कश्मीर में शहीद हो गए थे। वे हमेशा वैज्ञानिक बनने के लिए प्रेरित करते रहते थे। माता संजू सिंह भी पिता के सपने को साकार करने के लिए हौसला बढ़ाती रहीं। अभिषेक की बहन डॉ. गरिमा सिंह चिकित्सक हैं। माता संजू सिंह गृहिणी हैं।
अभिषेक सिंह ने स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ से बीटेक और एमटेक की उपाधि हासिल की है। उन्होंने सफलता का श्रेय दिवंगत पापा, मम्मी, बड़े पापा सुभाष सिंह, चाचा श्रीप्रकाश सिंह को दिया। इस संबंध में अभिषेक सिंह का कहना था कि एडवांस मेटेरियल साइंस के क्षेत्र में रिसर्च करना है। भारत को चिकित्सा क्षेत्र में विश्व में नंबर एक बनाने का सपना है।