लखनऊ। पूर्व मुखमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से नाराजगी की खबरों के बीच बसपा सुप्रिमो मायावती (Mayawati) ने सपा नेता आजम खान (Azam Khan) का समर्थन करते हुए बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा, यूपी और अन्य बीजेपी शासित राज्यों में कांग्रेस की तरह ही गरीबों, दलितों, अदिवासियों और मुस्लिमों को टारगेट कर जुल्म, ज्यादती और भय का शिकार बनाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है।
मायावती ने रामपुर से विधायक और सपा के कद्दावर मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले आजम खान के समर्थन में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, यूपी और अन्य बीजेपी शासित राज्यों में भी, कांग्रेस की ही तरह, गरीबों, दलितों, अदिवासियों और मुस्लिमों को टारगेट करके जुल्म-ज्यादती व भय आदि का शिकार बनाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है। यह अति दुखद है। जबकि दूसरों के मामलों में इनकी कृपादृष्टि जारी है।
1. यूपी व अन्य बीजेपी शासित राज्यों में भी, कांग्रेस की ही तरह, जिस प्रकार से टारगेट करके गरीबों, दलितों, अदिवासियों एवं मुस्लिमों को जुल्म-ज्यादती व भय आदि का शिकार बनाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है यह अति-दुःखद, जबकि दूसरों के मामलों में इनकी कृपादृष्टि जारी है। 1/3
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2. इसी क्रम में यूपी सरकार द्वारा अपने विरोधियों पर लगातार द्वेषपूर्ण व आतंकित कार्यवाही तथा वरिष्ठ विधायक मोहम्म्द आज़म खान को करीब सवा दो वर्षों से जेल में बन्द रखने का मामला काफी चर्चाओं में है, जो लोगों की नज़र में न्याय का गला घोंटना नहीं तो और क्या है? 2/3
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आजम खान की बढ़ी मुश्किलें, पत्नी और बेटे के खिलाफ जारी हुआ गैर-जमानती वारंट
मायावती ने कहा, यूपी सरकार द्वारा अपने विरोधियों पर लगातार द्वेषपूर्ण और आतंकित कार्यवाही की जा रही है। वरिष्ठ विधायक मोहम्म्द आजम खान को करीब सवा दो सालों से जेल में बंद रखने का मामला काफी चर्चाओं में है, जो लोगों की नजर में न्याय का गला घोंटना नहीं तो और क्या है?
3. साथ ही, देश के कई राज्यों में जिस प्रकार से दुर्भावना व द्वेषपूर्ण रवैया अपनाकर प्रवासियों व मेहनतकश समाज के लोगों को अतिक्रमण के नाम पर भय व आतंक का शिकार बनाकर, उनकी रोजी-रोटी छीनी जा रही है, वह अनेकों सवाल खड़े करता है जो अति-चिन्तनीय भी है। 3/3
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बुलडोजर की कार्रवाई पर भी साधा निशाना
बसपा सुप्रिमो ने आगे लिखा, देश के कई राज्यों में जिस प्रकार से दुर्भावना और द्वेषपूर्ण रवैया अपनाकर प्रवासियों, मेहनतकश समाज के लोगों को अतिक्रमण के नाम पर भय व आतंक का शिकार बनाकर, उनकी रोजी-रोटी छीनी जा रही है, वह अनेकों सवाल खड़े करता है जो अति-चिन्तनीय भी है।