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मायावती बोलीं- राज्यसभा चुनावों में सपा को हराने के लिए भाजपा का देंगे साथ

मायावती Mayawati

Mayawati

लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को कहा कि हमारी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए सपा से हाथ मिलाया था, लेकिन सपा अंतरकलह के कारण बसपा के साथ गठबंधन कर भी वह ज्यादा लाभ नहीं उठा पाई। मायावती ने  कहा कि राज्यसभा चुनावों में हम सपा प्रत्याशियों को बुरी तरह हराएंगे। इसके लिए हम अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे। मायावती ने कहा कि अगर हमें भाजपा या किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को अपना वोट देना पड़े तो हम व​ह भी करेंगे।

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इसके साथ ही मायावती ने राज्यसभा चुनाव में बगावत करने वाले सात विधायकों के निलंबन का भी एलान किया है। मायावती ने विधायक असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज) , हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर) और वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़) को पार्टी से निलंबित कर दिया है।

मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद सपा ने हमसे संपर्क बंद कर दिया। इसीलिए हमने अपने रास्ता बदल लिया है। उन्होंने कहा कि मैं इस बात का भी खुलासा करना चाहती हूं कि जब हमने यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए सपा के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो हमने इसके लिए बहुत मेहनत की, लेकिन जब से यह गठबंधन हुआ था तब से सपा प्रमुख की मंशा दिखने लगी थी।

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वह एससी मिश्रा से लगातार यह कहते रहे कि चूंकि बसपा-सपा ने हाथ मिला लिया है, इसलिए अब मायावती को जून 1995 वाला मुकदमा वापस ले लेना चाहिए। जब हमने लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद हमारे प्रति समाजवादी पार्टी के बदले व्यवहार को देखा तो महसूस किया कि हमने उनके खिलाफ 2 जून 1995 के मुकदमे को वापस लेकर एक बड़ी गलती की है। हमें उनसे हाथ नहीं मिलाना चाहिए था। हमें थोड़ी गहराई से विचार करना चाहिए था।

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