नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी ) पर बड़ा आरोप लगाया है। आप के नेताओं का कहना है कि दिल्ली में खड़े तीनों कूड़े के पहाड़ की सफाई के नाम पर 180 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है।
ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए ‘आप’ ने कहा कि एमसीडी ने कूड़े के पहाड़ों को हटाने के लिए 50 मशीनें 5 साल के लिए किराए पर ली। एक मशीन का 6 लाख रुपये महीना किराया है और 50 मशीनों का 5 साल का किराया 180 करोड़ रुपये है, जबकि एमसीडी 50 मशीनें 8.50 करोड़ रुपए में खरीद सकती थी।
लेकिन जो काम 8.5 करोड़ रुपए में हो सकता है, भाजपा भ्रष्टाचार करने के लिए उसी काम को 180 करोड़ में करा रही है। आम आदमी पार्टी के नेता व विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा, भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, सांसद गौतम गंभीर और तीनों मेयरों से हम जानना चाहते हैं कि यह 180 करोड़ रुपए कहां गए, पार्षदों की जेब में गए, यह पैसे किसने खाए।
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दुर्गेश पाठक ने कहा कि भलस्वा लैंडफिल साइट के संबंध में नगर निगम के ऑडिटर द्वारा एक ऑडिट रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में एक और भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया है। दिल्ली में स्थित तीनों लैंडफिल साइट पर कूड़े के पहाड़ों की सफाई करने के लिए नगर निगम ने, सफाई करने वाली मशीन किराए पर ली हैं। इन मशीनों के लिए कंपनी के मालिकों के साथ भाजपा शासित नगर निगम ने 5 साल के लिए करार किया है। एक मशीन का 1 महीने का किराया 6 लाख रुपए तय हुआ है। इस हिसाब से 50 मशीनों का 5 साल का कुल किराया लगभग 180 करोड रुपए हुआ।
ऑडिट रिपोर्ट में दी गई एक मशीन की कीमत का खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि जिस एक मशीन के लिए 1 महीने के लिए 6 लाख रुपए किराया दे रही है, बाजार में उस मशीन की कुल कीमत ही मात्र 17 लाख रुपए है।
उन्होंने कहा कि जब इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। तो मन में एक शक तो पैदा होता है कि कहीं न कहीं इन कंपनियों के साथ सेटिंग है। क्योंकि कोई भी सामान्य बुद्धि वाला व्यक्ति भी यदि यह जान जाए कि इस मशीन के लिए 1 महीने का किराया 6 लाख रुपए देना होगा और मशीन की बाजार में कीमत कुल 17 लाख रुपए है, तो वह 5 साल तक किराया देने के बजाय, उस मशीन को खरीद ही लेगा।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि मैं आदेश गुप्ता , गौतम गंभीर , जेपी नड्डा तथा भाजपा के मेयरों से यह पूछना चाहता हूं कि कूड़े की पहाड़ों की सफाई के नाम पर जो 180 करोड़ रुपए का घोटाला भारतीय जनता पार्टी ने किया है, यह पैसा किसकी जेब में गया?