उत्तर प्रदेश सरकार कानपुर नगर के रमईपुर में 451 करोड़ रुपये की लागत से 250 एकड़ क्षेत्र में मेगा लेदर फुटवियर एण्ड एसेसरीज क्लस्टर स्थापित कर रही है।
राज्य के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अपर मुख्य सचिव डा0 नवनीत सहगल ने आज कहा कि कानपुर नगर जिले के रमईपुर में 451 करोड़ रुपये की लागत से 250 एकड़ क्षेत्र में मेगा लेदर फुटवियर एण्ड एसेसरीज क्लस्टर की स्थापना होगी। इसके विकास के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, उद्योग आंतरिक संवर्धन विभाग, भारत सरकार से सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि मेगा लेदर क्लस्टर को स्थापित कराने के लिए एसपीवी मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए यूपी सीडा द्वारा क्लस्टर के लिए 240.18 एकड़ भूमि उपलब्ध कराये जाने की स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है।
उत्तर प्रदेश में अब तक 45.92 लाख मीट्रिक टन हुई गेहूं खरीद
डा0 सहगल ने आज यहां मेगा लेदर फुटवियर एण्ड एसेसरीज क्लस्टर की स्थापना से संबंधित कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना से लगभग 5000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और करीब 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं 1.50 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सुलभ हाेंगे। उन्होंने कहा कि क्लस्टर के माध्यम से प्रतिवर्ष लगभग 13000 करोड़ रुपये का टर्नओवर भी होगा।
उन्होंने कहा कि मेगा लेदर पार्क की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार 236 करोड़ रुपये तथा भारत सरकार द्वारा 125 करोड़ रुपये 451 करोड़ रुपये अवस्थापना सुविधाओं के लिए व्यय किया जायेगा। इसके तहत सड़क, वाटर सप्लाई, सीवेज, ड्रेनेज, हार्टीकल्चर, बाउंड्रीवाल, स्ट्रीट लाइट, इंटरनल वाटर सप्लाई, इंटरनल स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज, आई टी एण्ड टेलीकम्यूनिकेशन, प्रशासनिक भवन, डिजाइन लैब, टेस्टिंग लैब, वैल्यू एडीशन सेंटर, हाॅस्टल तथा अन्य सामान्य सुविधाएं उद्यमियों को सुलभ कराई जायेंगी।
दीपावली तक निःशुल्क राशन के लिए CM योगी ने PM मोदी का जताया आभार
डा0 सहगल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कानपुर के चर्म उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए उठाये गये इन कदमों से इस उद्योग को नया आयाम मिलेगा, वहीं नये निवेश के साथ अधिक से अधिक रोजगार का सृजन भी होगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूर्ण होने जाने पर उत्तर प्रदेश के चर्म उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर की अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी तथा घरेलू चर्म उद्योग को बेहतर उत्पादकता, निर्यात तथा नये निवेश के संदर्भ में वांछित प्रोत्साहन मिलेगा।