देहरादून| कोरोना के कारण लंबे समय से बंद पड़े बेसिक-माध्यमिक स्कूलों को अगस्त से अक्टूबर के बीच शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए अभिभावकों से भी राय मांगी है। अभिभावकों से पूछा जा रहा है कि अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के तीन महीनों में वो किसे ज्यादा सुरक्षित और उपयोगी मानते हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचएचआरडी) ने सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों से अभिभावकों से रायशुमारी करने के निर्देश दिए हैं।
एमएचआरडी के उपसचिव राजेश सम्प्ले का पत्र राज्य सरकार को मिला है। केंद्र सरकार ने स्कूल खोलने के समय के साथ-साथ अभिभावकों से उनके और सुझाव भी मांगे हैं। अभिभावकों की राय और स्कूलों में सुरक्षा के इंतजामात पर उनके सुझावों पर भी अमल किया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता छात्रों की सुरक्षा है। सुरक्षा के साथ साथ शिक्षा भी बादस्तूर चलती रहे, इसके लिए रास्ता तलाशा जा रहा है। केंद्र सरकार के जो भी निर्देश होंगे, उनके अनुसार ही निर्णय किया जाएगा।
मालूम हो कि कोरोना संक्रमण बढ़ने पर केंद्र सरकार ने मार्च से सभी शैक्षिक संस्थानों को बंद कर दिया था। फिलहाल 31 जुलाई तक स्कूलों को बंद रखने के आदेश हैं। हालांकि ऑनलाइन पढ़ाई पर अत्यधिक जोर दिया जा रहा है, लेकिन छोटी कक्षाओं में इसके नतीजे ज्यादा असरदार नहीं है। खासकर सरकारी स्कूलों के मामले में ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ बेहद कम छात्रों को मिल पा रहा है। शिक्षक व्हाट्सऐप और फोन के जरिए जरूर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन फोन, इंटरनेट आदि जरूरी उपकरणों की कमी इसमें आड़े आ रही है। राज्य में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की संख्या 20 हजार से भी ज्यादा है।
15 अगस्त के बाद स्कूल खोलने पर विचार किया जाना चाहिए। बेसिक और जूनियर कक्षाओं के छात्रों की सुरक्षा के लिए विशेष ऐहतियात बरतने की जरूरत है। कक्षाएं रोस्टर के अनुसार लगाईं जाएंगी तो सोशल डिस्टेसिंग का अच्छे से पालन हो सकता है।
अभी हाल में स्कूलों में शिक्षक व कर्मचारी कोरोना की चपेट में आए हैं। ऐसे में स्कूल खोलने का रिस्क अभी नहीं उठाया जा सकता। जब खतरा पूरी तरह से टल जाए तो ही छात्रों को स्कूल बुलाने को लेकर कोई विचार होना चाहिए।