उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में कारागार विभाग ने जेल की आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए कई बेहतर कार्य किये गये, जिससे प्रदेश की जेलों की छवि में बेहतर सुधार हुआ है।
राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने आज यहां बताया कि जेलों के भीतर मोबाईल ले जाने पर सख्त पाबंदी लगायी गयी। जेलों में समय-समय पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिससे प्रदेश के कारागारों में बंदियों द्वारा मोबाईल फोन के उपयोग से आपराधिक गतिविधियों के संचालन तथा वीडियों वायरल करने की घटनाओं पर रोक लगी। जेल के भीतर से होने वाले अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगा, जिससे कारागारों के माहौल में अच्छा परिवर्तन आया है।
उन्होंने बताया कि कारागारों में अपराधियों द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग की सम्भावना पर अंकुश के लिए 24 कारागारों में 3जी क्षमता के 271 जैमर स्थापित किये गये हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए सभी जेलो में 2800 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित किये गये हैं। उच्च स्तरीय निगरानी के लिए मुख्यालय में कमाण्ड सेण्टर/वीडियो वाॅल स्थापित की गयी है। तलाशी व्यवस्था के लिए सभी कारागारों में पोल मेटल डिटेक्शन सिस्टम, डोरफ्रेम, हैण्ड हेल्ड एवं डीप सर्च मेटल डिटेक्टर की व्यवस्था करायी गयी है।
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इस बीच पुलिस महानिदेशक (कारागार) आनन्द कुमार ने बताया कि कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग का मुख्य उद्देश्य कारागारों में बंदियों का सुरक्षित रख रखाव एवं उनके आचरण एवं व्यवहार में परिवर्तन कर उनमें सुधार लाना है ताकि वे रिहा होकर पुनः सम्मानजनक जीवन यापन कर सकें। इसके लिये कारागारों में सम्पूर्ण साक्षरता, शैक्षिक उन्नयन, व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित कराये जाते हैं।
उन्होंने बताया कि बंदियों के शैक्षिक उन्नयन हेतु कक्षा-5 से 8 तक, हाईस्कूल, इण्टरमीडिएट तथा इन्दिरा गाॅधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की परीक्षाओं हेतु कारागारें परीक्षा केन्द्र के रूप में काम करती है। विगत वर्ष कक्षा-5 से 8 तक 1204, हाई स्कूल की परीक्षा में 71, इण्टरमीडिएट की परीक्षा में 52 बंदियों तथा इग्नू की 1200 से अधिक बंदी उत्तीर्ण हुये।
श्री कुमार ने बताया कि कोविड-19 महामारी के नियन्त्रण के लिए प्रदेश की सभी जेलो में टेस्टिंग (2.25 लाख), संक्रमित (12500) बंदियों का समुचित रख-रखाव तथा उपचार की कार्यवाही त्वरित गति से की गयी है। संक्रमण से बचाव के लिए 85 अस्थायी कारागारें बनायी गयी। कारागारों में 21.70 लाख रुपये से अधिक फेस मास्क तथा लगभग 3000 पीपीई किट उत्पादित कराये गये, जिनका उपयोग कारागारों तथा अन्य विभागों में किया गया। यह कार्यवाही निरन्तर संचालित है।
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पुलिस महानिदेशक, कारागार ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कारागार कार्मिकों की कार्यक्षमता में वृद्धि व उनके मनोबल को बढ़ाने हेतु प्रथम बार स्वतन्त्रता दिवस एवं गणतन्त्र दिवस के अवसर पर 260 से अधिक कारागार अधिकारियों एवं कर्मचारियों को महानिरीक्षक कारागार का प्रशस्ति चिन्ह प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि विभाग के कार्यों में और अधिक गति लाने के लिए विभिन्न श्रेणी के पदों यथा परिक्षेत्रीय कार्यालयों के लिए 12, सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान हेतु 13, जिला कारागार संतकबीर नगर के लिए 103 तथा कम्प्यूटर आपरेटर के 73 पदों का सृजन किया गया। उन्होंने यह भी बताया है कि प्रदेश की 70 कारागारों तथा 73 जिला न्यायालयों में स्थापित वीडियो कान्फ्रेसिंग इकाईयों से 98 प्रतिशत विचाराधीन बंदियों की रिमाण्ड हो रही है, इसे शत प्रतिशत करने का लक्ष्य है।