नई दिल्ली। डाटा सिक्युरिटी को लेकर विवादित चाइनीज एप टिकटॉक (Tiktok) अमेरिकी स्वामित्व में जाने के लिए राजी हो गया है। पिछले एक महीने से चल रही लंबी बहस के बाद टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस ने यह फैसला लिया है।
इससे पहले टिकटॉक ने कहा था कि वह अमेरिका में बैन से बचने के लिए कुछ हिस्सेदारी बेच सकता है, जिसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राजी नहीं थे। वे आज टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने वाले थे, लेकिन ऐन वक्त पर टिकटॉक पूरी हिस्सेदारी अमेरिका को देने के लिए राजी हो गया। माइक्रोसॉफ्ट और टिकटॉक के बीच यह सौदा पांच बिलियन डॉलर्स में हो सकता है।
समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक अमेरिका में अब टिकटॉक के यूजर्स के डाटा की जिम्मेदारी माइक्रोसॉफ्ट की होगी। यूजर्स का डाटा माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर पर स्टोर होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो बाइटडांस ने अपनी चीनी चोला उतार फेंका है, हालांकि माइक्रोसॉफ्ट के साथ इस डील को लेकर टिकटॉक या माइक्रोसॉफ्ट की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है।
बता दें कि भारत के बाद अमेरिका टिकटॉक के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। अमेरिका में टिकटॉक के मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 80 मिलियन यानी आठ करोड़ है। ऐसे में कंपनी का इस फैसले ने उसे होने वाले बड़े नुकसान से बचा दिया है। साथ ही भारत में टिकटॉक की वापसी की उम्मीद भी बढ़ गई है।