जन्मभूमि में विराजमान रामलला के परिसर में मंगलवार को राम जन्म भूमि मंदिर का मॉडल विराजमान रामलला के अस्थाई मंदिर के ठीक सामने ट्रस्ट के सदस्यों ने स्थापित कराया। जिससे अब रामलला का दर्शन करने आने वाले श्रद्धांलु मंदिर निर्माण के लिए चिन्हित मॉडल का दर्शन कर सकेंगे।
इस मॉडल को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने हैदराबाद से मंगवाया है। वहीं जनपद में भी तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए रामनवमी के पावन पर्व पर रामलला के प्राकट्य से पहले रामजन्मभूमि का पट आम श्रद्धालुओं के लिए मंगलवार से बंद हो गया। हालांकि रामलला के दरबार में प्रभु श्रीराम की सेवा व नित्य की पूजा-अर्चना, आरती होती रहेगी। भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव भी सादगी पूर्वक मनाया जाएगा।
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हनुमानगढ़ी में भी दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया। मध्याह्न में जब श्रद्धालुओं को रोका गया तो पहले लोगों को लगा कि भगवान को भोग लगाने के लिए रोका गया है। करीब आधे घंटे की प्रक्रिया पूरी होने बाद पुलिस कर्मियों ने बताया कि तीन दिनों तक दर्शन-पूजन बंद रहेगा।
वहीं रेजीडेण्ट मजिस्ट्रेट एके मिश्र ने बताया कि कोरोना के दूसरे लहर की तीव्रता व डेथ रेट को ध्यान में रखते हुए सभी प्रमुख मंदिरों के संचालकों से मंदिरों में बाहरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबिंबित करने पर सहमति हो गयी है।
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उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में रामजन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, छोटी देवकाली व नागेश्वर नाथ मंदिरों को बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी लोग घरों में रहकर भी भगवान को याद कर सकते हैं। इससे सब सुरक्षित रहेंगे।
रामनगरी के प्रवेश मार्गो पर लगा पुलिस का पहरा
रामनवमी के पर्व पर मेलार्थियों की भीड़ को आने से रोकने के लिए रामनगरी के सभी रास्तों पर पुलिस का कड़ा पहरा लगा दिया गया है। इसके साथ बार्डर पर निगरानी की मानीटरिंग की कमान रेजीडेण्ट मजिस्ट्रेट मिश्र के अलावा अयोध्या कोतवाल एके सिंह को सौंपी गयी है। यही कारण है कि सप्तमी के पर्व पर आरएम व कोतवाल दोनों ही हाइवे पर ही बार्डर के सभी चेक पोस्टों का घूम-घूमकर निरीक्षण करते रहे। बताया गया कि बार्डर पर आधार कार्ड की जांच के बाद ही स्थानीय व्यक्तियों को प्रवेश दिया जाएगा।