लाइफ़स्टाइल डेस्क। एक नए अध्ययन से पता चला है कि कोरोनारोधी मॉडर्ना वैक्सीन कम से कम तीन महीने तक प्रतिरक्षा प्रदान कर सकती है। अमेरिकन दवा कंपनी मॉडर्न इंक ने हाल ही में कहा था कि उसके कोरोनारोधी वैक्सीन में 94.1 प्रतिशत प्रभावकारिता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एलर्जीज एंड इंफेक्शस डिजीज (एनआईएआईडी) के अध्ययन के अनुसार, मॉडर्ना वैक्सीन शक्तिशाली एंटीबॉडी के उत्पादन का कारण बनता है। एंडीबॉडी कम से कम तीन महीने तक रहती हैं और संक्रमण से रक्षा करती हैं।
एनआईएआईडी के शोधकर्ताओं ने कहा कि क्लीनिकल ट्रायल के पहले चरण में 34 वयस्क प्रतिभागियों, युवा और बुजुर्गों की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का परीक्षण किया गया। एमआरएनए-1273 नामक वैक्सीन 28 दिनों के अंदर दो खुराक में दी जाती है।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में पहली खुराक के 119 दिन बाद इम्युनोजेनेसिटी डेटा और दूसरे टीकाकरण के 90 दिनों के बाद पता चला कि वैक्सीन ने 100 ग्राम खुराक पर एंटीबॉडी का बाध्यकारी उच्च स्तर का उत्पादन किया। अध्ययन में बताया गया कि समय के साथ एंटीबॉडी का कम हो जाना चिंता का कारण नहीं है।
विषाणु विज्ञानी बेंजामिन नीमन ने अध्ययन में कहा था कि सकारात्मक बात यह है कि वैक्सीन की दूसरी खुराक के 90 दिनों बाद अपेक्षाकृत मजबूत एंटीबॉडी बनी हुई है। टीके से उत्पन्न एंटीबॉडी की मात्रा ज्यादा उम्र के रोगियों की तुलना में नौजवान रोगियों में अधिक थी, लेकिन मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया 70 साल तक के रोगियों में भी देखी गई।