नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार ने बुधवार को गन्ने का उचित व लाभकारी (एफआरपी) दाम 10 रुपये बढ़ाकर 285 रुपये क्विंटल करने को मंजूरी दे दी। बता दें कि यह गन्ने का बढ़ा दाम अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले नए विपणन सत्र के लिये तय किया गया है।
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केन्द्र सरकार के इस बढ़ोत्तरी के बाद अब वर्ष 2020.21 के लिए गन्ना का मूल्य 285 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित हो गया है। मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में 10 प्रतिशत तक चीनी तैयार करने वाले गन्ने का (रिकवरी रेट) लाभकारी मूल्य 285 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है । जिस गन्ने से 9.5 प्रतिशत चीनी तैयार होगा उसका मूल्य 270 रुपये प्रति क्विंटल होगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जिस गन्ने का रिकवरी दर 11 प्रतिशत होगा उसका मूल्य साढे 28 रुपये प्रति क्विंटल अधिक होगा । उन्होंने बताया कि लाभकारी गन्ना मूल्य घोषित किये जाने का लाभ करीब एक करोड़ किसानों को फायदा होगा।
बता दें कि एफआरपी को गन्ना (नियंत्रण) आदेश 1966 के तहत तय किया जाता है। यह गन्ने का न्यूनतम मूल्य होता है जिसे चीनी मिलों को गन्ना उत्पादक किसानों को भुगतान करना होता है। सरकार का अनुमान है कि चालू विपणन सत्र में गन्ने का कुल उत्पादन 280 से 290 लाख टन रह सकता है।
गन्ने का चालू विपणन सत्र अगले महीने समाप्त हो रहा है। पिछले साल 2018- 19 में देश में 331 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की खेती में कमी आने से चालू विपणन सत्र में उत्पादन कम रहने का अनुमान है।