नई दिल्ली। मोदी सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शुक्रवार को नौवें दौर की वार्ता अनिर्णायक समाप्त हो गई है। इसके एक दिन बाद पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने कहा है कि सरकार को अपनी गलती स्वीकार कर लेना चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि उम्मीद के अनुसार वार्ता विफल रही। इसके लिए सरकार को दोषी ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि आरटीआई प्रतिक्रियाओं से सरकार के झूठ का पर्दाफाश होने के बाद भी सरकार कानूनों को निरस्त नहीं करना चाहती है।
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उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि सरकार ने किसी से भी सलाह नहीं ली थी। विशेष रूप से, राज्य सरकारों से परामर्श नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, गतिरोध से निकलने का एकमात्र तरीका सरकार को अपनी गलती स्वीकार करना और नए तरीके से फिर से शुरुआत करना है। सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच नौवें दौर की वार्ता कल बिना किसी निर्णय के लिए समाप्त हो गई और बैठक का अगला दौर 19 जनवरी को निर्धारित किया गया है।