नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि अब भी समय है कि मोदी सरकार सत्ता का अंहकार छोड़कर तत्काल बिना शर्त तीनों काले कानून वापस ले। उन्होंने कहा कि ठंड में दम तोड़ रहे किसानों का आंदोलन समाप्त कराए। यही राजधर्म है और दिवंगत किसानों के प्रति श्रद्धांजलि भी है।
अब भी समय है कि मोदी सरकार सत्ता का अंहकार छोड़कर तत्काल बिना शर्त तीनों काले कानून वापस ले और ठंड में दम तोड़ रहे किसानों का आंदोलन समाप्त कराए। यही राजधर्म है और दिवंगत किसानों के प्रति श्रद्धांजलि भी।
कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी का वक्तव्य। pic.twitter.com/foCFMbuqXm
— Congress (@INCIndia) January 3, 2021
सोनिया गांधी ने पत्र में उल्लेख किया है कि कंपकपाती ठंड और बरसात में दिल्ली की सीमाओं पर अपनी मांगों के समर्थन में 39 दिनों से संघर्ष कर रहे अन्नदाताओं की हालत देखकर देशवासियों सहित मेरा मन भी बहुत व्यथित है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन को लेकर सरकार की बेरुखी के चलते अब तक 50 से अधिक किसान जान गंवा चुके हैं। कुछ ने तो सरकार की उपेक्षा के चलते आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लिया है, लेकिन बेरहम मोदी सरकार का न तो दिल पसीजा और न ही आज तक प्रधानमंत्री या किसी भी मंत्री के मुंह से सांत्वना का एक शब्द निकला। मैं सभी दिवंगत किसान भाईयों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रभु से उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करती हूं।
पर्दाफाश : पुंछ में एक और आतंकी मॉड्यूल का हुआ खुलासा
आज़ादी के बाद देश के इतिहास की यह पहली ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आई है जिसे आम जनता तो दूर, देश का पेट भरने वाले अन्नदाताओं की पीड़ा और संघर्ष भी दिखाई नहीं दे रहा। लगता है कि मुट्ठी भर उद्योगपति और उनका मुनाफ़ा सुनिश्चित करना ही इस सरकार का मुख्य एजेंडा बनकर रह गया है।
लोकतंत्र में जनभावनाओं की उपेक्षा करने वाली सरकारें और उनके नेता लंबे समय तक शासन नहीं कर सकते। अब यह बिल्कुल साफ़ है कि मौजूदा केंद्र सरकार की थकाओ और भगाओ की नीति के सामने आंदोलनकारी धरती पुत्र किसानमज़दूर घुटने टेकने वाले नहीं हैं।
अब भी समय है कि मोदी सरकार सत्ता के अहंकार को छोड़कर तत्काल बिना शर्त तीनों काले क़ानून वापस ले और ठंड एवं बरसात में दम तोड़ रहे किसानों का आंदोलन समाप्त कराए। यही राजधर्म है और दिवंगत किसानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी। मोदी सरकार को यह याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र का अर्थ ही जनता एवं किसान-मज़दूर हितों की रक्षा करना है।