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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, मेडिकल कोर्स में पिछड़े वर्ग को 10% और OBC को 27% आरक्षण देने का ऐलान

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में प्रवेश के लिए ऑल इंडिया कोटा स्कीम (AIQ) के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को 10% आरक्षण देने ऐलान किया है।

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प्रधानमंत्री ने गुरूवार को ट्वीट करते हुए कहा, “ हमारी सरकार ने मौजूदा शैक्षणिक वर्ष से स्नातक, स्नातकोत्तर मेडिकल और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑल इंडिया कोटा स्कीम (AIQ) में ओबीसी के लिए 27% और पिछड़े वर्ग के लिए 10% आरक्षण देने का फैसला लिया है। इससे हर वर्ष हजारों युवाओं को बेहतर अवसर मिलेंगे और देश में सामाजिक न्याय की नयी मिसाल कायम होगी।”

बता दें कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मेडिकल और दंत चिकित्सा के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (MBBS, MD, MS, डिप्लोमा, BDS और MDS) में प्रवेश के लिए मौजूदा सत्र 2021-22 से ऑल इंडिया कोटा स्कीम के तहत अन्य पिछडा वर्ग को 27% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को 10% आरक्षण देने का फैसला लिया है।

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हर साल कितने बच्चों को मिलेगा फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संबंधित केन्द्रीय मंत्रालय से इस लंबित मुद्दे का उचित समाधान करने को कहा था। इस निर्णस से हर वर्ष एमबीबीएस में ओबीसी के करीब 1500 छात्रों और स्नातकोत्तर में 2500 छात्रों को फायदा मिलेगा। इसी तरह एमबीबीएस में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 550 तथा स्नातकोत्तर में करीब एक हजार छात्रों को फायदा मिलेगा।

मेडिकल कोर्स में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय कोटा स्कीम की शुरूआत 1986 में उच्चतम न्यायाल के आदेश के बाद शुरू की गयी थी जिससे विभिन्न राज्यों में डोमिसाइल की जरूरत को खत्म किया गया था और छात्र किसी भी राज्य के अच्छे कालेज में दाखिले के पात्र बन सके थे। स्नातक स्तर पर अखिल भारतीय कोटा के तहत सरकारी कालेजों में 15 प्रतिशत जबकि स्नातकोत्तर में 50 प्रतिशत सीट आती हैं।

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क्या है AIQ स्कीम?

ऑल इंडिया कोटा स्कीम 1986 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य दूसरे राज्य के स्टूडेंट्स को अन्य राज्यों में भी आरक्षण का लाभ उठाने में सक्षम बनाना था। साल 2008 तक ऑल इंडिया कोटा स्कीम में कोई आरक्षण नहीं था। लेकिन, साल 2007 में, सुप्रीम कोर्ट ने इस स्कीम में अनुसूचित जाति के लिए 15% और अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5% आरक्षण की शुरुआत की थी।

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