चीन में हो रही SCO की बैठक इस बार कई मायनों में चर्चा में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक मंच पर दिखाई दिए, तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका को इन तीनों की नजदीकी रास नहीं आ रही है।
इसी कड़ी में अमेरिका भारत के साथ अपने रिश्तों को 21वीं सदी की पहचान बता रहा है। ये तब कहा गया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम से भारत के खिलाफ लगातार तल्ख बयान आ रहे हैं।
भारत के साथ रिश्तों को किया याद
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से कहा गया कि भारत और अमेरिका की साझेदारी लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है। वॉशिंगटन ने इस रिश्ते को सिर्फ रणनीतिक नहीं, बल्कि लोगों के बीच गहरी दोस्ती पर आधारित बताया। सोशल मीडिया पर अमेरिकी दूतावास ने #USIndiaFWDforOurPeople हैशटैग के साथ रक्षा सहयोग, नवाचार और द्विपक्षीय संबंधों को भविष्य की दिशा देने वाला बताया।
लेकिन दूसरी तस्वीर थोड़ी अलग है। डोनाल्ड ट्रंप के खेमे से भारत पर लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं। सबसे पहले भारत पर करीब 50 फीसदी टैरिफ थोप दिया गया, जिसके पीछे रूस से तेल खरीद को वजह बताया गया। ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने पिछले एक हफ्ते में कई बार भारत पर सीधा हमला बोला।