भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है। दरअसल, चैंपियंस ट्रॉफी के मैच के दौरान खेलते वक्त शमी पानी पीते नजर आए थे। तब से ही वे मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों के निशाने पर हैं। बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शमी के एनर्जी ड्रिंक पीने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि रमजान के दौरान रोजा न रखना गुनाह है। इस पर एआईआईए के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने पलटवार किया और रोजा रखने या न रखने को निजी मामला बताया। अब इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) विधायक रोहित पवार की भी प्रतिक्रिया आई है।
उन्होंने कहा, ‘देश का प्रतिनिधित्व करते हुए अगर मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) को लगता है कि रोजे की वजह से उनके प्रदर्शन पर थोड़ा भी असर पड़ेगा या कुछ हो गया तो वह कभी सो नहीं पाएंगे। वह एक कट्टर भारतीय हैं, जिन्होंने कई बार टीम को जीत दिलाई है। खेलों में धर्म को नहीं लाना चाहिए। अगर आप आज किसी मुस्लिम व्यक्ति से पूछेंगे तो वह यही कहेगा कि उन्हें मोहम्मद शमी पर गर्व है।’
रोजा न रखकर गुनाह किया: मौलवी
इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने शमी की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने कहा, ‘अनिवार्य कर्तव्यों में से एक है रोजा (उपवास)। अगर कोई स्वस्थ पुरुष या महिला रोजा नहीं रखता है, तो वह बड़ा अपराधी है। भारत के एक प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद शमी ने मैच के दौरान पानी या कोई अन्य पेय पदार्थ पी लिया। लोग उन्हें देख रहे थे।
मोहम्मद शमी ने गुनाह किया…, जानें क्रिकेटर पर क्यों भड़के बरेली के मौलाना
अगर वह खेल रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वह स्वस्थ हैं। ऐसी हालत में उन्होंने रोजा नहीं रखा और पानी भी पी लिया। इससे लोगों में गलत संदेश जाता है। रोजा न रखकर उन्होंने गुनाह किया है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। शरीयत की नजर में वह अपराधी हैं। उन्हें खुदा को जवाब देना होगा।