अयोध्या। 5 अगस्त बुधवार को जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्री राम मंदिर की नींव ऱखी वैसे ही करोडो़ं रामभक्तों की बरसों की इच्छा पूरी हो गई। अब मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस चीफ मोहन भागवत समेत करीब 175 लोग इस ऐतिहासिक लम्हे का गवाह बने।
पीएम मोदी ने अभिजीत मुहूर्त में मंदिर का शिलान्यास किया। समारोह के दाैरान आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी के योगदान को याद किया।
कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आज आनंद का क्षण है, एक संकल्प लिया था, तब के संघप्रमुख देवव्रत जी ने कहा था कि 20-30 साल काम करना होगा, तब ये काम करना होगा। आज 30वें साल की शुरुआत में काम शुरू हुआ है। आरएसएस प्रमुख ने कहा, कई लोग महामारी के कारण नहीं आ पाए, लालकृष्ण आडवाणी जी भी नहीं आ पाए हैं। देश में अब आत्मनिर्भर बनाने की ओर काम जारी है, आज महामारी के बाद पूरा विश्व नए रास्तों को ढूंढ रहा है। जैसे-जैसे मंदिर बनेगा, राम की अयोध्या भी बननी चाहिए। हमारे मन में जो मंदिर बनना चाहिए और कपट को छोड़ना चाहिए।
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भागवत ने कहा, ”जिनका जो काम है वो करेंगे, अब हम सब लोगों को अपने मन की अयोध्या को सजाना सवांरना है। हिंदू धर्म सबकी उन्नति करने वाला और सबको समान मानने वाला धर्म है।”
उन्होंने कहा कि आज आनंद है कि हमें यह करना है। अभी कोरोना का दौर चल रहा है, सारा विश्व विचार कर रहा है कि कहां गलती हुई और कैसे रास्ता निकला। दो रास्तों को देख लिया, तीसरा रास्ता है क्या। तीसरा रास्ता हमारे पास है? प्रभु श्रीराम के चरित्र से आज तक देखेंगे तो पराक्रम, पुरुषार्थ और वीरत्व हमारे भीतर है। आज इस दिन से हमें यह विश्वास और प्रेरणा मिलती है। कोई अपवाद नहीं है, क्योंकि सब राम के हैं और राम सबके हैं।
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पीएम मोदी ने रखी मंदिर की नींवशिलान्यास रखने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में ऐतिहासिक हनुमान गढ़ी मंदिर में परम रामभक्त हनुमान जी से राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की आज्ञा मांगी। इस दौरान दो गज की दूरी पर मास्क लगाये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर की परिक्रमा की। मोदी ने वहां मौजूद महंत को प्रणाम कर प्रस्थान करने की अनुमति मांगी। महंत ने उन्हे साफा पहनाया और रामनाम अंकित गमछा भेंट किया।