सनातन धर्म में मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) का व्रत सबसे खास माना गया है। वैशाख मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। पौराणिक मान्यता है कि यह तिथी सब पापों को हरने वाली और उत्तम है। इस दिन जो व्रत रहता है उसके व्रत के प्रभाव से मनुष्य मोहजाल तथा पातक समूह से छुटकारा पा जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
मान्यता है कि जो भक्त मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के दिन व्रत रखते हैं, उनकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। साथ ही जीवन के हर दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। भगवान विष्णु की कृपा से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शुभ तिथि और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) की तिथि की शुरुआत 18 मई दिन शनिवार को सुबह 11 बजकर 23 मिनट से होगी और समाप्ति अगले दिन यानी 19 मई को दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, मोहिनी एकादशी 19 मई को है।
महत्व
ज्योतिषियों के अनुसार, जो लोग मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के दिन व्रत रखते हैं उनको हजार गायें दान करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है। मोहिनी एकादशी के बारे में सूर्य पुराण में विस्तार से बताया गया है।