चक्रवाती तूफान ताउते और यास के सक्रिय होने से पहले अनुमान लगाया गया था कि मानसून प्रभावित हो सकता है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका, क्योंकि समुद्र में ऐसी गतिविधयां बनी जिससे मानसून अपने तय समय से एक दिन पहले ही केरल के तट पर जा पहुंचा।
मौसम विभाग की मानें तो मानसून जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, उससे दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत को जल्द राहत मिल सकती है। खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में दो से चार दिन के बीच मानसून पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही प्री मानसून की बारिश अभी जारी रहेगी।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पाण्डेय ने बुधवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अब पूर्वी भारत की ओर बढ़ रहा है। महाराष्ट्र के बाद बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में मानसून के जल्दी पहुंचने का अनुमान है।
मानसून की पहली बारिश में जलमग्न हुई मुंबई, जनजीवन प्रभावित
अगले पांच दिन महाराष्ट्र में मानसून तेजी से बारिश करेगा। कोंकण और मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में 10 जून से अधिक बारिश होने की आशंका है। बताया कि बंगाल की खाड़ी में 11 जून को कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसका असर मानसून पर दिखेगा। 11-13 जून के बीच ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों और गुजरात तक पहुंचने का अनुमान है।
प्री मानसून की होती रहेगी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार इस बार मानसून उत्तर प्रदेश में लगभग एक हफ्ते पहले ही दस्तक दे सकता है। हालांकि सामान्य स्थिति में यूपी में 18 जून के आसपास मानसून की आमद होती है, लेकिन इस बार मानसून एक हफ्ता पहले आने की संभावना है। बुधवार से प्री मानसून गतिविधियां शुरु हो जाएंगी और राजधानी के साथ-साथ पूर्वी व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर बौछारें पड़ने व तेज हवा चलने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में एक-दो दिन में कम दबाव का क्षेत्र बनेगा, जिसके चलते मानसून सक्रिय होगा और अगले दो-तीन दिन में इसके पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने की उम्मीद है।