गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है, जिसे भक्ति, उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) मनाई जाती है. भगवान गणेश को ज्ञान, भाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
गणेश चतुर्थी पर भक्त भगवान गणेश की प्रतिमा को घर पर विराजमान करते हैं और उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के अवसर पर चंद्रमा देखना अशुभ माना जाता है. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा नहीं देखना चाहिए, इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं.
चंद्रमा को दिया था शाप
एक कथा के अनुसार, भगवान गणेश जी एक बार लड्डू लेकर चंद्रलोक से आ रहे थे. तब चंद्रदेव गणेश जी को देखकर जोर-जोर से हंसने लगे. इससे गणेश जी को क्रोध आ गया और उन्होंने चंद्र देव को शाप दे दिया कि तुम्हें अपने रूप पर बहुत घमंड है, जाओ तुम क्षय हो जाओगे.
वहीं, एक दूसरी कथा के अनुसार, एक बार गणेश जी मूषक पर सवार होकर जा रहे थे. तभी सांप को देखकर मूषक उछल पड़े. इससे गणेश जी भी भूमि पर जा गिरे. इस घटना को चंद्र देव ने देख लिया और हंसने लगे. तब गणेश जी ने क्रोधित होकर चंद्रमा को क्षय होने का शाप दे दिया.
क्यों नहीं देखना चाहिए चंद्रमा?
मान्यता है कि गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर चांद देखने से कलंक लगता है, इसलिए गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है. इस दिन चंद्रमा का आकार घटता बढ़ता है, इसलिए कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है.
चांद दिखे तो क्या करें?
यदि गणेश चतुर्थी पर चन्द्रमा दिखाई दे तो शाप से मुक्ति पाने के लिए निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए:
सिंहः प्रसेनमवधित्सिम्हो जाम्बवत हठ |
सुकुमारका मरोदिस्तव ह्यशा स्यामंतकाह ||