लखनऊ। उत्तराखंड, नेपाल की पहाड़ियों तथा मैदानी इलाकों में हो रही बारिश के चलते उत्तर प्रदेश में बाढ़ से जिलों के 1034 गांव प्रभावित है।
राज्य में गंगा, यमुना, गोमती, सरयू, शारदा तथा राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ की आपदा से निपटने के लिए राज्य में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है।
राहत आयुक्त संजय गोयल ने शनिवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर किया जाय। प्रदेश के समस्त बांधों पर निगरानी रखी जाय तथा आवश्यक रिपेयर सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय ताकि किसी प्रकार की क्षति को होने के पूर्व ही उसे रोका जा सके।
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उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित समस्त ग्रामों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जलभराव वाले क्षेत्रों से गुजरने वाले विद्युत तारों, खम्भों को दुरूस्त रखा जाय और यह सुनिश्चित किया जाय कि विद्युत करंट के द्वारा कोई जनहानि, पशुहानि, मकान की क्षति न होने पाये।
श्री गोयल ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिये एनडीआरएफकी 15 टीमें तथा एसडीआ0एफ तथा पीएसी की सात टीमें तैनाती की गयी है। उन्होंने बताया कि 1,063 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिये बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।
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उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें आटा, चावल, आलू, लाई, भूना चना, अरहर की दाल, नमक, हल्दी, मिर्च, धनिया, केरोसिन, मोमबत्ती, माचिस, बिस्कुट, रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के तहत 1,17,597 खाद्यान्न किट व 2,39,736 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 288 मेडिकल टीम लगायी गयी है।
श्री गोयल ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 16 जिलों अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, संतकबीरनगर तथा सीतापुर के 1084 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), शारदा बैराज (लखीमपुरखीरी), राप्ती नदी राप्ती बैराज (श्रावस्ती) सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), (अयोध्या) तथा तुर्तीपार (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है।