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देश के ज्यादातर किसान हैं नए कृषि कानून के पक्षधर : योगी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि देश के ज्यादातर किसान नये कृषि कानून के पक्ष में है और केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये गये किसान कानूनों का फायदा किसानों को मिलेगा। इससे उनकी आय में निरन्तर वृद्धि तो होगी ही, साथ ही वे खुशहाल और सम्पन्न बन सकेंगे।

विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान श्री योगी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में किसानों की खुशहाली के लिए सभी प्रयास कर रही है। किसान राज्य सरकार की प्राथमिकता हैं। कृषि कानूनों को किसानों की आय दोगुना करने के उद्देश्य से लागू किया गया है। साथ ही, कानून के जरिये अन्नदाताओं को बिचौलियों से बचाने की भी व्यवस्था की गयी है।

श्री योगी ने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रत्येक फसली वर्ष में किसानों से एमएसपी पर गेहूं, धान इत्यादि फसलों की जितनी खरीद प्रत्येक वर्ष की गई है, उतनी खरीद पिछली सरकारों के पूरे कार्यकालों में भी नहीं की गयी है। गेहूं और धान की खरीद के लिए बड़ी संख्या में क्रय केन्द्र स्थापित करते हुए बड़े पैमाने पर खरीद की गयी। किसानों को उनकी उपज के मूल्य का भुगतान डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में किया जा रहा है। अब बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं रह गयी है।

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उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार एमएसपी का निर्धारण करते हुए बड़े पैमाने पर सरकारी खरीद कर रही है। जितना प्रोक्योरमेन्ट पिछले साढ़े तीन वर्षाें में हुआ है, उतना पिछली सरकारों के कार्यकाल में नहीं हुआ। सरकार द्वारा किसानों की खुशहाली के लिए किये जा रहे प्रयासों का पता इस बात से चलता है कि कोरोना काल के दौरान भी गेहूं क्रय केन्द्र निरन्तर संचालित किये गये और प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलें भी संचालित की गयीं।

वर्ष 2004 से 2017 के बीच जितने गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया, उससे अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान विगत साढ़े तीन वर्षाें में किया गया है। आज किसानों का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जा रहा है। गन्ना किसानों को पर्ची मोबाइल पर मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों के सम्बन्ध में किसानों से भी राय ली गयी है। कुछ लोग किसान आन्दोलन के माध्यम से किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों की आय में वृद्धि के सभी प्रयास किये जा रहे हैं।

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श्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसानों की मदद के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों को 6,000 रुपये प्रतिवर्ष की सहायता प्रदान की जा रही है। एपीएमसी एक्ट का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह मण्डी की बाध्यता को समाप्त करता है। अब किसान अपनी उपज कहीं भी बेच सकता है।

झांसी की एक छात्रा द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती के नये प्रयोग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस परिवार ने पहले अपनी छत पर स्ट्रॉबेरी उगाई, फिर डेढ़ एकड़ क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती की और लाभ के रूप में 36 लाख रुपये कमाए। इस प्रकार के कृषि विविधीकरण के माध्यम से प्रधानमंत्री देश के किसानों की आय बढ़ाना चाहते हैं। राज्य सरकार भी इसी प्रयास में लगी है।

उन्होंने कहा कि एफपीओ गठन से सम्बन्धित क्षेत्रों के किसान फसलों का चुनाव कर अपनी आय बढ़ा सकेंगे। किसानों को अब उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एमएसपी जारी रखने का एलान किया है। राज्य सरकार द्वारा वर्तमान समय में धान क्रय केन्द्रों के माध्यम से एमएसपी के तहत धान खरीद की जा रही है। यह खरीद आगामी 28 फरवरी तक चलेगी। उन्होंने कहा कि विगत एक वर्ष के दौरान राज्य सरकार द्वारा एमएसपी के तहत जितनी खरीद की गयी, उतनी खरीद विगत राज्य सरकारों के पूरे कार्यकाल में नहीं की गयी।

उन्होने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसान की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की गयी है। उनकी जमीन हर हाल में सुरक्षित रहेगी। एफपीओ गठन से किसानों को व्यापक लाभ होगा। वे अपनी खेती को व्यवस्थित कर मुनाफा कमा सकेंगे, इससे उनकी आय में कई गुना वृद्धि होगी। उन्हाेने कहा कि किसानों ने कृषि कानूनों का स्वागत किया है।

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