बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की पहचान से जुड़ी हैं माता अन्नपूर्णा। काशी को अन्न क्षेत्र भी कहा जाता है। काशी की पहचान से जुड़ी अन्नपूर्णा माता की 18वीं सदी की एक दुर्लभ मूर्ति की आज प्राण-प्रतिष्ठा हुई। इसे दोबारा स्थापित कर दिया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ इस मूर्ति की पूजा-अर्चना की और इसे पुनर्स्थापित किया।
काशी विश्वनाथ मंदिर में ईशान कोण पर अन्नपूर्णा माता की ये मूर्ति स्थापित की गई। इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर को भी भव्य रूप से सजाया गया है।
दृश्यादृश्यविभूतिवाहनकरी ब्रह्माण्डभाण्डोदरी
लीलानाटकसूत्रभेदनकरी विज्ञानदीपाङ्कुरी।
श्री विश्वेशमनःप्रसादनकरी काशीपुराधीश्वरी।
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी।।जय माँ अन्नपूर्णा! https://t.co/UWtEGvimWq
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 15, 2021
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अन्नपूर्णा माता की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। इसके लिए विश्वनाथ मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
गौरतलब है कि करीब सौ साल पहले चोरी होकर माता अन्नपूर्णा की 18वीं सदी की ये दुर्लभ मूर्ति काशी से कनाडा पहुंच गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर कनाडा सरकार ने ये मूर्ति भारत को लौटा दी थी।
सौ साल बाद मां अन्नपूर्णा की मूर्ति काशी पहुंची, नगर भ्रमण में भव्य स्वागत
माता अन्नपूर्णा की इस मूर्ति को पिछले दिनों कनाडा से वापस दिल्ली लाया गया और फिर इसे यूपी सरकार को सौंप दिया गया। दिल्ली से रथ के जरिए माता अन्नपूर्णा की ये प्रतिमा वाराणसी के लिए दो दिन पहले रवाना कर दी गई थी। दिल्ली से वाराणसी तक, रास्ते में डेढ़ दर्जन से ज्यादा पड़ाव थे जहां माता अन्नपूर्णा की मूर्ति लेकर जा रहे रथ का स्वागत किया गया।
माता अन्नपूर्णा की ये दुर्लभ मूर्ति आज ही काशी पहुंची। काशी में माता अन्नपूर्णा की इस मूर्ति का स्वागत करने के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। माता अन्नपूर्णा की मूर्ति के काशी पहुंचने के बाद शहर में घुमाए जाने की भी योजना है जिससे अधिक से अधिक लोग माता की दुर्लभ मूर्ति का दर्शन कर सकें।