बरेली| रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में दो साल के सूखे के बाद आखिरकार मास्टर ऑफ फार्मेसी (एमफार्मा) की पढ़ाई शुरू हो गई। रुहेलखंड विवि में चल रहे एमफार्मा को तीन साल पहले ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने मानक पूरे न करने पर दाखिले से रोक दिया था। अब एआईसीटीई की मंजूरी के बाद एफार्मा में तीन ब्रांच में इस सत्र से ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
स्कूल खुले और शिक्षक भी आए पर छात्रों की उपस्थिति रही कम
रुहेलखंड विवि में एफार्मा पाठ्यक्रम 2015-16 में शुरू हुआ था। फार्मास्यूटिकल्स केमिस्ट्री, फार्मास्यूटिक्स और फार्माकोलॉजी इन ब्रांच में छात्रों के प्रवेश भी हुए। दो साल तक कोर्स चला पर बाद में मानकों को पूरा न करने के कारण एआईसीटीई ने एमफार्मा में एडमिशन रोक दिया। 2017 के बाद इसमें एक भी प्रवेश नहीं हुए। हालांकि विभाग की ओर से कोशिशें की गई पर इसमें कामयाबी नहीं मिली।
दरअसल इस कोर्स को शुरू कराने में तेजी तब आई तक विभागाध्यक्ष डॉ. शशिभूषण तिवारी बने। डॉ. शशिभूषण तिवारी ने डॉ. एसडी सिंह के साथ कोर्स शुरू करने के लिए मानकों को पूरा किया। इसके बाद फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) को पत्र भेजा। पीसीआई की टीम जनवरी में निरीक्षण करने पहुंची और एमफार्मा को मंजूरी दे दी।
रेलवे एनटीपीसी भर्ती का एप्लीकेशन स्टेटस का लिंक हुआ एक्टिवेट
एमफार्मा फार्मास्यूटिकल्स केमिस्ट्री, एमफार्मा फार्मास्यूटिक्स और एमफार्मा फार्माकोलॉजी नाम से तीन पाठ्यक्रम शुरू होंगे। इन तीनों में 9-9 सीटें होंगी। सोमवार को प्रवेश की अधिसूचना जारी होगी। 10 अक्तूबर तक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया चलेगी। डॉ. शशिभूषण तिवारी ने बताया कि प्रवेश मेरिट के आधार पर होंगे। अर्हता बीफार्मा और जीपैट होगी।