पूर्वी उत्तर प्रदेश की मऊ सदर सीट से विधायक मुख्तार अंसारी से संबंधित एम्बुलेंस केस पर आज सुनवाई हुई। एमपी-एमएलए कोर्ट की अनुमति के बाद इस मसले पर सुनवाई हुई।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी ने अपने वकील के साथ ही खुद भी अपना पक्ष रखा। मुख्तार ने इस केस में खुद को मुलजिम बनाए जाने का विरोध किया।
जानकारी के मुताबिक सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस केस में किसी के फर्जी बयान देने से मुझे मुलजिम नहीं बनाया जा सकता। सीजेएम कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई के संबंध में मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन ने जानकारी दी। रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि इस केस में अगली सुनवाई अब 28 जून को होगी।
गौरतलब है कि यह मामला तब का है, जब मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था। मुख्तार को एम्बुलेंस से मोहाली की कोर्ट में पेशी पर ले जाया गया था. एम्बुलेंस पर यूपी के बाराबंकी का नंबर प्लेट लगा था। मामले ने तूल पकड़ा तो जांच में इस एम्बुलेंस के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन की बात सामने आई थी।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन की बात सामने आने के बाद बाराबंकी पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने मुख्तार अंसारी को भी इस मामले में साजिश और जालसाजी का आरोपी बनाया है। इस मामले में मऊ के एक अस्पताल की संचालिका डॉक्टर अलका राय, डॉक्टर शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद भी आरोपी हैं।