आगामी विधानसभा चुनाव से पहले फिर मुलायम सिंह यादव का परिवार एक हो जाएगा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान से इसके फिर कयास लगने लगे हैं।
गौरतलब है की अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह के साथ गठबंधन के सवाल पर कहा, सभी छोटे दलों को साथ लिया जाएगा। चाचा का भी एक दल है। इसको भी साथ लाने का काम करेंगे। चाचा का पूरा सम्मान होगा।
अखिलेश यादव ने कहा, समाजवादी पार्टी के लोग शिवपाल यादव को ज्यादा से ज्यादा सम्मान देने का काम करेंगे। पूरी कोशिश करूंगा कि उन्हें भी चुनाव में साथ लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 6 नवंबर को इटावा आने की संभावना पर कहा कि हमारा ही कोई इटावा में काम होगा, जिसका उद्घाटन करने आ रहे हैं, उनके पास अपना कोई काम नहीं है, उनसे पूछना इटावा के लिए आपने क्या विशेष काम किया है?
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा, लखनऊ में भारत के गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने मंच पर नहीं देख पाए कौन खड़ा है जिन पर आरोप है कि उन्होंने किसान के ऊपर गाड़ी चढ़ाकर जान ले ली है। दरअसल, अखिलेश केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की बात कर रहे थे, जिनके बेटे पर किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप लगा है।
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जिन्ना पर दिए बयान को लेकर मचे घमासान पर अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा नफरत की राजनीति करती है। वह केवल इसी तलाश में रहते हैं कि मुद्दा मिल जाए। भाजपा वाले रोजगार, विकास पर बात नहीं करते। दरअसल, अखिलेश यादव ने एक रैली में कहा था कि सरदार पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़ कर बैरिस्टर बन कर आए थे। एक ही जगह पर पढ़ाई लिखाई की। वह बैरिस्टर बने उन्होंने आजादी दिलाई अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा होगा तो वह पीछे नहीं हटे। इसके बाद वे भाजपा के निशाने पर आ गए थे।
अखिलेश ने कहा, समाजवादियों ने संकल्प लिया है कि आज दिवाली पर स्मृति दिवस के रूप में सभी सपा के कार्यकर्ता किसानों के लिए एक दीया अपने घरों पर जलाएंगे। उन्होंने कहा, हम अपने कार्यकर्ताओं से निवेदन करेंगे कि जिन किसानों को मार दिया गया है, उनकी याद में एक दीया जरूर जलाना।