इटावा। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh) मंगलवार को पंच तत्व में विलीन हो गए। उनके पैतृक गांव सैफई में हजारों की संख्या में लोगों ने उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए और उनके बड़े बेटे अखिलेश यादव ने नम आंखों से अपने पिता को मुखाग्नि दी।
मुखाग्नि देने से पहले अखिलेश ने सिर पर समाजवादी पार्टी (सपा) की लाल टोपी लगाई। वहीं आज सुबह अखिलेश पिता की अस्थियां लेने के लिए गए और उसके बाद परिवार के साथ शुद्धिकरण संस्कार में शामिल हुए।
सैफई की परम्परा के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh) की तेरहवीं का आयोजन नहीं होगा। दरअसल, सैफई में तेरहवीं की परंपरा नहीं है। रीति रिवाज के मुताबिक, 11 अक्टूबर से 11वें दिन शुद्धिकरण हवन होगा। सैफई के लोगों का मानना है कि अगर कोई बड़ा आदमी तेरहवीं करता है तो उसे देखकर गरीब आदमी भी करेगा और उस पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। इसी वजह से यह व्यवस्था की गई है।
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गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव का सोमवार को गुरुग्राम (हरियाणा) स्थित मेदांता अस्पताल में निधन हुआ था। वह 82 वर्ष के थे। उनका पार्थिव शरीर सोमवार शाम सैफई लाकर उनके आवास में रखा गया, जहां हजारों लोग नेताजी को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे।