लखनऊ। यूपी व एमपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए बहुमुखी प्रयासों की जरूरत है। श्रीमती पटेल ने कहा कि महिलाओं के पारवारिक और सामाजिक परिवेश को समझकर कार्य करने के साथ ही समाज की सोच में बदलाव की जरुरत है।
इसके लिए जरूरी है कि महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति उनके परिजनों के साथ ही बेटियों को भी जागरूक किया जाए। स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विशेष शिविरों का आयोजन करने के साथ ही, राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए किए जा रहे, कार्यों की जानकारी को दूरस्थ अंचलों में पहुंचाने के लिए विशेष पहल की जायें।
राज्यपाल बुधवार को “ब्रेस्ट कैंसर एक्शन डे” के तारतम्य में आयोजित शिखर सम्मेलन के वेबिनार को बतौर मुख्य अतिथि के रूप ऑनलाइन सम्बोधित कर रही थी। वेबिनार में मणिपुर की राज्यपाल डाॅ. नजमा हेपतुल्ला भी जुड़ी हुई थी।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति स्वयं महिला और उसके परिजनों में उपेक्षा का भाव है। महिलाएं अपनी बीमारियों के विषय में अपने परिजनों, पति, पुत्र से भी चर्चा नहीं करती हैं। फलस्वरुप आरंभिक अवस्था में सरलता से होने वाले रोगों का उपचार गंभीर अवस्था में होता है।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति में बदलाव के प्रयास उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में किये थे। राज्य के बजट में 33 प्रतिशत राशि महिलाओं के लिए आवंटित कर दी थी। इस जेंडर बजट ने राज्य में पहली बार महिला केन्द्रित योजनाओं के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की थी। उन्होंने बताया कि राज्य में कैंसर सहित अन्य रोगों की शिविर लगाकर स्वास्थ्य जांच का कार्य किया गया था। इसमें डेढ़ करोड़ महिलाओं की जांच की गई, जिसमें से डेढ़ से दो हजार रोगियों में कैंसर रोग का प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाने से उनका समय पर उपचार हो गया।