आज सभी संकटों को दूर करने वाला सकट चौथ या संकटा चौथ (Sankat Chauth) है. इसे माघी चौथ (Maghi Chauth) या तिलकुट चौथ (Tilkut Chauth) भी कहते हैं. सकट चौथ के दिन भगवान गणेश जी की विधि विधान से पूजा होती है और सकट चौथ व्रत कथा का श्रवण किया जाता है.
जो लोग व्रत रखते हैं उनकी संतान सुरक्षित और दीर्घ आयु होती है. गणेश जी की कृपा से धन, दौलत, सुख, सौभाग्य और संतान भी प्राप्त होती है. यदि आप पहली बार सकट चौथ का व्रत रहने वाले हैं, तो आपको यह जानना चाहिए कि सकट चौथ व्रत एवं पूजा (Sakat Chauth Vrat And Puja) में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
क्या करें और क्या न करें. व्रत के नियम (Vrat Niyam) आदि क्या हैं? आइए जानते हैं इसके बारे में.
सकट चौथ ( Sakat Chauth) पर क्या करें और क्या न करें
सकट चौथ पर करने वाली बातें
- सकट चौथ के दिन निर्जला व्रत रखें. सेहत से जुड़ी कोई समस्या है तो फलाहार करते हुए व्रत करें या न करें.
- सकट चौथ के दिन गणेश जी को 21 दूर्वा का गांठ जरूर अर्पित करें.
- गणेश जी को मोदक अतिप्रिय है. आपके यहां मोदक हो तो अर्पित करें या फिर लड्डू का भोग लगाएं.
- सकट चौथ में तिलकुट का भोग लगाते हैं. आप भी लगाएं. तिल के लड्डू, तिल से बनी मिठाई आदि गणेश जी को चढ़ाएं.
- पूजा में पान और सुपारी को शुभ माना जाता है. पूजा के समय गणेश जी को भी अर्पित करें.
- सकट चौथ की पूजा के समय सकट चौथ व्रत कथा का पाठ जरूर करें. व्रत कथा का पाठ करने से व्रत का महत्व पता चलता है और पूर्ण फल प्राप्त होता है.
- सकट चौथ पर गणेश जी की उस मूर्ति या तस्वीर की पूजा करें, जिसमें उनकी सवारी मूषक भी हो.
- शाम के समय में चंद्रमा का दर्शन और पूजन करें. तभी पारण करें.
सकट चौथ पर क्या न करें
- गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग न करें, वरना गणेश जी नाराज हो जाएंगे. उन्होंने तुलसी को अपनी पूजा में वर्जित कर दिया था.
- सकट चौथ के दिन किसी के प्रति बुरा न सोचें और न ही बुरा बर्ताव करें.
- व्रत से पूर्व तामसिक भोजन का त्याग कर दें. लहसुन-प्याज आदि न खाएं.
- पिछले साल सकट चौथ पर गणेश जी को साक्षी मानकर कोई वचन दिया हो, तो टाले नहीं. उसे पूरा करें.