नई दिल्ली| त्योहारी मांग के चलते दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में गुरुवार को सरसों में तेजी दर्ज की गई। इसके अलावा सोयाबीन तिलहन और कच्चा पॉम तेल कीमतों में भी तेजी रही। दूसरी ओर निर्यात मांग खत्म होने से मूंगफली तेल, तिलहन कीमतों में गिरावट आ गई। वहीं, शिकागो एक्सचेंज में गिरावट के चलते सोयाबीन तेल में भी गिरावट दर्ज हुई।
बाजार सूत्रों ने कहा कि शिकागो एक्सचेंज में आधा प्रतिशत की गिरावट रही। मलेशिया एक्सचेंज में अवकाश रहा। मध्य प्रदेश और गुजरात में सोयाबीन की फसल कमजोर रहने से ऊपज प्रभावित हुई है। किसान फिलहाल उपज को मंडी में लाने से बच रहे हैं। इस स्थिति के कारण सोयाबीन दाना के भाव में अच्छा सुधार आया मगर शिकागो एक्सचेंज की गिरावट से सोयाबीन डीगम सहित सोयाबीन तेल, दिल्ली की कीमत में गिरावट दर्ज हुई।
विद्यालय आवंटन से पहले फिर जांचे जाएंगे अभ्यर्थियों के अभिलेख
मूंगफली की निर्यात मांग खत्म होने और बाजार में आवक बढ़ने से मूंगफली दाना और तेल कीमतों में गिरावट आई। जबकि नाफेड द्वारा राजस्थान में सरसों की बिकवाली के लिए कम भाव पर लगाई गई बोलियों को निरस्त करने और बाद में ऊंचे भाव पर बोली मिलने से सरसों के भाव तेज हो गये। बृहस्पतिवार को नाफेड को 5,903 रुपये क्विन्टल का भाव मिला। जिससे सरसों दाना सहित इसके तेल में सुधार रहा।
सरकार ने आगामी पखवाड़े के लिये आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि की है। सीपीओ आयात शुल्क मूल्य को मौजूदा 755 डॉलर से बढ़ाकर 782 डॉलर तथा सोयाबीन डीगम का आयात शुल्क मूल्य 898 डॉलर से बढ़ाकर 948 डॉलर प्रति टन कर दिया गया है। बाजार के जानकारों का कहना है कि सरकार को सरसों का कम से कम 20 लाख टन का बफर स्टॉक बनाना चाहिये क्योंकि विशेषकर उत्तर भारत में इसके तेल की खपत अधिक होती है और इसका कोई विकल्प भी नहीं है।